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आज के दौर की पत्रकारिता को आईना दिखाती है सीरीज़ 'पाताल लोक'

सीरीज़- 'पाताल लोक'

डायरेक्टर- अविनाश अरुण, प्रोसित रॉय

कास्ट- जयदीप अहलावत, नीरज काबी, अभिषेक बनर्जी, आसिफ खान, इश्वाक सिंह, मैरेमबाम रोनाल्डो सिंह, गुल पनाग, जगजीत संधू

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- अमेज़न प्राइम

शैली- एक्शन-थ्रिलर

रेटिंग- 4/5

अमेज़न प्राइम पर हाल ही में एक सीरीज़ रिलीज हुई है जिसका नाम है 'पाताल लोक'। वैसे तो हमने कहानियों में हमेशा स्वर्ग, नर्क, धरती और 'पाताल लोक' के बारे में सुना है लेकिन इस सीरीज़ में हमें फिर से बताया गया है कि दुनिया में तीन लोक होते हैं। स्वर्ग लोक जहां देवता रहते हैं, धरती लोक जहां इंसान रहते हैं और 'पाताल लोक' जहां कीड़े रहते हैं। 

सुदीप शर्मा द्वारा लिखी गई और अविनाश अरुण व प्रोसित रॉय के निर्देशन में बनी सीरीज़ 'पाताल लोक' में कई ऐसी घटनाओं को दिखाया गया है जो कि आज के वक्त में हमें आए दिन देखने व सुनने को मिलती हैं। इनमें पत्रकारों पर हमला, दंगे, दलितों पर अत्याचार और बलात्कार जैसी घटनाएं शामिल हैं। 

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'पाताल लोक' में लीड रोल में जयदीप अहलावत, नीरज काबी, अभिषेक बनर्जी, इश्वाक सिंह, गुल पनाग, आसिफ खान सहित और भी कई स्टार्स हैं। तो आइये जानते हैं इसकी कहानी के बारे में -

शुरुआत कुछ इस तरह से होती है कि विशाल अका हथौड़ा त्यागी (अभिषेक बनर्जी), कबीर एम. (आसिफ खान), तोप सिंह (जगजीत संधू) और मैरी (मैरेमबाम रोनाल्डो), ये चारों लोग किसी के कहने पर एक प्राइम टाइम एंकर संजीव मेहरा (नीरज काबी) को मारने की फिराक़ में निकलते हैं लेकिन इन्हें बीच में ही दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर लेती है। 

ये कहते हुए सब जगह तहलका मच जाता है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया जा रहा है। ये केस हाथीराम चौधरी (जयदीप अहलावत) और इनके साथी इमरान अंसारी (इश्वाक सिंह) को सॉल्व करने को दिया जाता है। हाथीराम चौधरी को इससे पहले कभी भी बड़ा केस नहीं मिला था,  इसलिए वह इस केस पर मेहनत के साथ काम करने के लिए जुट जाता है। 

पत्रकार पर होने वाले हमले के मामले की तफ्तीश में प्याज के छिलके की तरह एक के बाद एक परत हटती जाती है और फिर जो कुछ सामने आता है, वह बेहद ही हैरान करने वाला होता है। इसके अलावा ये चारों लोग अपराधी कैसे बने, इसके पीछे की भी अलग-अलग कहानी सामने आती है। जिसे देखकर आपको लगने लगेगा कि हां, वाकई हमारे समाज में ऐसा होता है। 

तो, पत्रकार पर हमले की योजना क्यों और कौन बनाता है? ये चारों लड़के अपराधी क्यों बने? क्या हाथीराम चौधरी पूरा केस सुलझा पाता है या नहीं? क्या एंकर पर हमले के पीछे किसी राजनीतिक पार्टी का हाथ होता है? ये सब जानने के लिए आपको अमेज़न प्राइम पर सीरीज़ 'पाताल लोक' देखनी पड़ेगी।

सीरीज़ में क्या है खास 

'पाताल लोक' में पत्रकार पर होने वाले हमले से शुरू कर कई पहलुओं को दिखाया गया है। इसमें गौरी लंकेश का भी जिक्र किया गया है कि कैसे उनकी हत्या कर दी जाती है। इस पर भी गौर किया गया है कि अगर कोई पत्रकार सरकार के पक्ष में नहीं रहता तो उसपर हमला कराया जाता है या उसे धमकी मिलती है। 

सीरीज़ में एंकर संजीव मेहरा एक बात कहते हैं, "हम जर्नलिस्ट पहले हीरो हुआ करते थे और अब हम ट्रोल, फायर्ड और मारे जाते हैं।" तो वहीं दूसरी तरफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का वह चेहरा भी दिखाया जाता है कि कैसे चैनलों को हर मामले में बस टीआरपी बटोरने और मसाला ढूंढने की आदत हो गई है। तो कहीं पर फे़क न्यूज और खबरों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। 

इसके अलावा गांव में कमजोर जाति वालों पर ऊँची जाति वालों का अत्याचार तो वहीं दूसरी तरफ किसी का बदला लेने के लिए किसी का बलात्कार कर दिया गया, ये भी दिखाया गया है। 

‘राम लला हम आएंगे-मंदिर वहीं बनाएंगे’ इन नारों के साथ हिंदू-मुसलमानों के बीच लड़ाई और अगर एक मुसलमान कोई अपराध कर दे तो कैसे उसे तुरंत आतंकवादी या पाकिस्तानी कह दिया जाता है, इसे भी दिखाया गया है।

अगर किसी मुसलमान ने कोई अपराध न भी किया हो और वह आम जीवन जी रहा हो तो कुछ लोग उसे इस नज़र से देखते हैं, जैसे वह कोई अपराधी हो। इन सब से परे इस मुद्दे को भी दिखाया गया है कि अगर कोई चुनाव आ रहा है तो कैसे राजनीतिक पार्टी को वोट हासिल करने के लिए कोई मुद्दा चाहिए होता है या कुछ ऐसा किया जाता है कि लोग उसे समर्थन दें। 

'पाताल लोक' आपको आखिर में सोचने पर ज़रूर मजबूर कर देगी कि देश में आखिर चल क्या रहा है और क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को इस स्थिति में लाने के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं।

निर्देशन -

'एनएस 10' और 'उड़ता पंजाब' जैसी शानदार फ़िल्मों की स्क्रिप्ट लिख चुके सुदीप शर्मा ने 'पाताल लोक' की कहानी भी अच्छी लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस अच्छी कहानी पर अविनाश अरुण व प्रोसित रॉय का अच्छा डायरेक्शन सोने पर सुहागा जैसा काम कर गया। हर एक मुद्दे को दिखाती हुई ये सीरीज़ आपको जरा भी वक्त नहीं देगी कि आप बोर हो जाएं।

सभी ने की बेहतरीन एक्टिंग

'पाताल लोक' में पुलिस अफसर का रोल कर रहे जयदीप अहलावत ने बेहतरीन एक्टिंग की है। नीरज काबी ने एक एंकर का रोल प्ले किया है और उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। इसके अलावा अभिषेक बनर्जी की बात करें तो उन्हें उन स्टार्स की कैटेगरी में रखा जा सकता है जिन्हें कोई भी रोल दे दीजिए, वे सभी को परफेक्ट तरीके से पेश करेंगे। अभिषेक ने भी शानदार एक्टिंग की है। 

इश्वाक सिंह ने सीधे-साधे पुलिस अफसर की भूमिका निभाई है लेकिन अपने किरदार को बखूबी निभाया है। पहले भी अपने काम से पहचान बना चुके आसिफ खान ने फिर से अपने काम से खुद को साबित किया है। इसके अलावा बाकी सभी स्टार्स गुल पनाग, जगजीत संधू, निहारिका लायरा दत्त, आकाश खुराना, विपिन शर्मा, राजेश शर्मा ने भी अपने रोल को बेहतरीन तरीके से निभाया है। 

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क़तई बोर नहीं होंगे आप 

9 एपिसोड की सीरीज़ 'पाताल लोक' आपको जरा देर के लिए भी बोर नहीं करेगी और न ही निराश करेगी। सीधे प्वाइंट से सीरीज़ की कहानी शुरू होती है और ज्यादा न खींचते हुए खत्म हो जाती है। हर एक एपिसोड के अंत में छोड़ा गया सस्पेंस आपको पूरी सीरीज़ जल्द से जल्द खत्म करने पर मजबूर कर देगा। 

हां, अगर आप सीरियस, एक्शन, थ्रिलर सीरीज़ देखना पसंद नहीं करते हैं तो ये आपको एकदम पसंद नहीं आयेगी। क्योंकि इसमें सीरियस इन्वेस्टिगेशन है और भरपूर मात्रा में अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है।

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दीपाली श्रीवास्तव
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