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फाइल फोटो

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 4 आरोपी 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गये 

बुधवार 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगा कर लोकसभा में घुसने वाले दोनों आरोपियों और संसद के बाहर नारेबाजी करने वाले उनके दो सहयोगियों को गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।
यहां कोर्ट ने इन चारों आरोपियों को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस घटना में शामिल आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम वर्मा, अमोल शिंदे के खिलाफ यूएपीए के तहत भी कार्रवाई की गई है। 
इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अब कहा है कि यह योजना के साथ हुआ हमला था। बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मनोरंजन और सागर दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे जबकि नीलम और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर धुआं छोड़ा था।  

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने इस घटना के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए गहन जांच करने की जरूरत है, इसलिए 15 दिन की हिरासत दी जाए। पुलिस की मांग पर कोर्ट ने आरोपियों को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। 

अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत में कहा है कि आरोपी एक पैम्फलेट ले जा रहे थे जिसमें पीएम को लापता व्यक्ति के रूप में दिखाया गया था। इसमें कहा गया था कि उन्हें ढूंढने का इनाम स्विस बैंक द्वारा दिया जाएगा। 

अतुल श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि जिन जूतों में आरोपियों ने धुएं के डिब्बे छिपाए थे, वे जूते लखनऊ से और धुएं के डिब्बे मुंबई से खरीदे गए थे। आरोपी ने 'भगत सिंह फैन क्लब' नाम से एक समूह बनाया था। हम यह पता लगाना चाहते हैं कि इसके पीछे कौन लोग हैं, उन्हें क्या फंडिंग मिली है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि पटियाला हाउस कोर्ट में आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील उमाकांत कटारिया ने कोर्ट में कहा कि जांच के लिए 3-4 दिन की हिरासत काफी है। 
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इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला 

इन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 353 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। (लोक सेवकों को उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

इंडियन एक्सप्रेस की यह रिपोर्ट कहती है कि पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने जनवरी से ही संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की योजना बनानी शुरू कर दी थी। आरोपी मनोरंजन ने मानसून सत्र के दौरान संसद परिसर का दौरा करते हुए उसकी टोह भी ली थी।  पूछताछ के दौरान, उन्होंने दावा किया है कि वे मौजूदा सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं थे और देश को मणिपुर, किसानों के विरोध और मुद्रास्फीति से संबंधित एक संदेश भेजना चाहते थे। 

दूसरी तरफ संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर संसद सचिवालय ने गुरुवार को 8 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है। बुधवार की घटना के बाद गुरुवार को संसद की सुरक्षा को पुख्ता और सख्त कर दिया गया। गुरुवार को संसद के अंदर जाने वालों लोगों के जूते उतरवाकर भी चेकिंग की गई है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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