loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/विनोद कापड़ी/ओन्यूज़ वीडियो ग्रैब

मौलवी को प्रताड़ित करने से हिंदुत्ववादियों को रोकने वाले एसएचओ निलंबित क्यों?

ऐसे में जब मुसलिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वालों को बचाने की रिपोर्टें लगातार आ रही हैं, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी की ख़ूब तारीफ़ हो रही है। दरअसल, वह पुलिसकर्मी दिल्ली के आदर्श नगर पुलिस थाने के एसएचओ सी पी भारद्वाज हैं। उनको निलंबित कर दिया गया है। क़रीब एक हफ़्ते पहले उन्होंने हिंदुत्ववादियों के एक समूह को दिल्ली में एक फ्लाइओवर पर मज़ार के मौलवी को प्रताड़ित करने से रोका था। यह वीडियो अब तब फिर से वायरल हो गया जब भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है। सवाल है कि आख़िर उन्हें किन आरोपों में निलंबित किया गया?

इसके जवाब में दिल्ली पुलिस का दावा है कि भारद्वाज ने 'ड्यूटी की अवहेलना' की। 'एएनआई' ने भी बुधवार को दिल्ली पुलिस के हवाले से रिपोर्ट दी है कि उस अधिकारी को 'ड्यूटी अनुपालन में लापरवाही और उनके ख़िलाफ़ कई शिकायतों के मद्देनजर निलंबित कर दिया गया है'।

ताज़ा ख़बरें

लेकिन सोशल मीडिया पर उस वायरल वीडियो को शेयर करते हुए भारद्वाज की तारीफ़ तो की ही जा रही है, इसके साथ ही उनके ख़िलाफ़ निलंबन की कार्रवाई की आलोचना भी की जा रही है। निलंबन आदेश को वायरल वीडियो से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें अधिकारी उन हिंदुत्ववादियों का सामना करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति गन माइक पकड़े हुए है और मौलवी भगवा गमछा पहने एक युवक को जवाब देते हैं, '...अब ये तो पुल नये बने हैं सन 2009 में। ठीक है न? उससे पहले सन 82 में पुल बने थे जब एशियाई खेल हुए थे।... आपकी उम्र कितनी है?' इस पर वह युवक कहता है, 'अब मैं आपसे पूछता हूँ। आपकी उम्र क्या है?' इस पर जवाब आता है- ' मेरी उम्र 35 साल है।' फिर वह युवक सवाल करता है, 'आप रहते कहाँ हो?' मौलवी कहते हैं- यहीं रहता हूँ। फिर युवक पूछता है, 'यहाँ पर रहते हैं, खाना-पीना कहाँ खाते हैं, बनाते कहाँ पर हैं, बच्चे कहाँ रहते हैं?' इस पर मौलवी कहते हैं कि मंडी में उधर। फिर युवक पूछता है, 'मंडी में आपके बच्चे रहते हैं, आपकी कितनी मज़ारें चल रही हैं....?' तभी एक पुलिसकर्मी बीच में आते हैं। 

पुलिसकर्मी उस गन माइक को किनारे करते हुए कहते हैं कि मैं एसएचओ आदर्श नगर हूँ। वह पूछते हैं, 'आपको ये किसने अधिकार दिया है कि आप भारत के नागरिकों पर इस प्रकार दबाव डालें? अगर आपको कोई रिकोर्स (सहारा) लेना है, तो वह क़ानूनी सहारा है'। भारद्वाज युवक से कहते हैं कि आपको यह अधिकार नहीं है कि किसी को आप इस तरह से परेशान करें। फिर युवक के अनुरोध पर कैमरे की ओर देखते हुए, एसएचओ ने कहा,

सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के अनुसार, दिल्ली सरकार ने ऐसी संरचनाओं (विवादों या शिकायतों) को निपटाने के लिए एक धार्मिक समिति की स्थापना की है। यदि इस महानुभाव को कोई परेशानी है तो इन्हें या इनके प्रतिनिधि को दिल्ली सरकार के पास जाना चाहिए।


सी पी भारद्वाज, एसएचओ, आदर्श नगर

गन माइक पकड़े युवक द्वारा सवाल पूछे जाने पर भारद्वाज कहते हैं, 'आपको पता है, दिल्ली सरकार ने एक धार्मिक समिति बनाई है। जिसमें ऐसे किसी भी प्रकार के स्ट्रक्चर को रिव्यू किया जाता है। हर सेगमेंट से उसके विचार लिए जाते हैं। और अगर ऐसा कोई भी स्ट्रक्चर किसी प्रकार के ट्रांसपोर्ट के फ्लो में बाधा पैदा करता है तो शिफ़्ट किया जाता है।'

बहस के बीच भारद्वाज कहते हैं, 'किसी भी संवैधानिक दायरे में मेरे से बात कीजिए। आप किसी भी व्यक्ति को, किसी भी धार्मिक व्यक्ति को ऐसे परेशान नहीं करेंगे। आपका कोई अधिकार नहीं है। ठीक है न? मैं आपके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करूँगा।' इसके बाद युवक कहता है कि 'हम भी कर सकते हैं।' इस बीच भारद्वाज कहते जाते हैं, 'सख़्त चेतावनी देकर मैं आपको छोड़ रहा हूँ।' इसके बाद भी उस युवक द्वारा बहस करते रहने और क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते रहने पर एसएचओ पुलिस कर्मियों से कहते हुए सुने जा सकते हैं कि लेकर चलो इसको। गाड़ी में बिठाओ।'

दिल्ली से और ख़बरें

सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने एसएचओ की लोगों ने जमकर तारीफ़ की है। वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन लिखते हैं- 'मुझे तो आश्चर्य है कि इतना पढ़ा लिखा इंसान दिल्ली पुलिस में अभी तक था कैसे...।'

विनोद कापड़ी ने बुधवार को लिखा, '..धर्म के फ़र्ज़ी ठेकेदारों और गुंडे-मवालियों को क़ानून और संविधान का पाठ पढ़ाने वाले दिल्ली आदर्श नगर के SHO #CPBhardwaj को सस्पेंड कर दिया गया है। जो संविधान की बात करेगा , उसका यही हाल होगा।'

इससे पहले 4 अगस्त को कापड़ी ने लिखा था, 'संविधान सम्मत और क़ानून के मुताबिक़ काम करने वाले दिल्ली पुलिस के इस SHO को सौ सौ सलाम पर क़ानून के मुताबिक़ काम ना करने वाली सरकार अब इस अफ़सर को छोड़ने वाली नहीं है।'

रवि नायर ने लिखा है, 'कुछ दिनों पहले, आदर्श नगर एसएचओ सीपी भारद्वाज ने एक हिंदुत्ववादी धमकाने वाले को रोका, जो एक मुस्लिम व्यक्ति को डराने की कोशिश कर रहा था। आज, दिल्ली पुलिस ने 'कर्तव्य अनुपालन में लापरवाही' के लिए अधिकारी को निलंबित कर दिया।'
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें