मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना टीके को लेकर दो अहम फ़ैसले किए हैं। एक फ़ैसला है 18 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को टीका देना। और दूसरा फ़ैसला है मुफ़्त में टीका देना। इन फैसलों की अहमयित को कोरोना की दूसरी वेब, लाचार व्यवस्था, आम लोगों की बेबसी और इन सबके बीच जिम्मेदारी की टोपी-ट्रांसफर पॉलिटिक्स के संदर्भ में समझना होगा।
बीजेपी की सियासत का जवाब है फ़्री टीके का केजरीवाल मॉडल
- दिल्ली
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- 29 Mar, 2025

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना टीके को लेकर दो अहम फ़ैसले किए हैं। एक फ़ैसला है 18 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को टीका देना। और दूसरा फ़ैसला है मुफ़्त में टीका देना।
यह जानना भी जरूरी है कि टीका के शोध, उत्पादन और खरीद की प्रक्रिया से केंद्र सरकार ने कभी राज्य सरकारों को नहीं जोड़ा। मगर, अब वैक्सीन की खरीद से लेकर वैक्सीन लगाने तक की जिम्मेदारी राज्यों पर थोप दी गयी है।
कभी देश में लॉकडाउन को लेकर फ़ैसला लेते वक्त भी केद्र सरकार ने ऐसा ही किया था। राज्यों से पूछा तक नहीं था लेकिन बाद में लॉकडाउन की जिम्मेदारी प्रांतों पर डाल दी गयी। एक बार फिर कहानी दुहरायी जा रही है। अंतर इतना आया है कि इस बार मोदी-शाह की चतुर सियासत को जवाब देने के लिए सामने आ गये हैं अरविंद केजरीवाल।