आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उप राज्यपाल बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम करना बंद करें और देश की जनता को बताएं कि अवैध तरीके से चुने गए उप राज्यपाल मेयर के चुनावल में वोट डालेंगे या नहीं?
एमसीडी में मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने के मुद्दे पर भिड़े बीजेपी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अब सड़क पर आवाज बुलंद कर रहे हैं। सोमवार को इस मुद्दे को लेकर दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर प्रदर्शन किया और एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के राष्ट्रीय दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी वालों शर्म करो संविधान की हत्या बंद करो के नारे लगाए तो दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया।
ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि दिल्ली में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव कब होगा। क्योंकि ताजा हालात में बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही पीछे हटने के लिए तैयार नहीं दिखाई देते।
बीजेपी के प्रदर्शन में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी सहित तमाम नेता मौजूद रहे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 6 जनवरी के दिन आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा सदन में की गई गुंडागर्दी बेहद ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार राजनीतिक मर्यादाओं का दोहन करना बंद करे।
जबकि आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उप राज्यपाल ने बेईमानी से प्रोटेम मेयर चुन लिया, बीजेपी के 10 कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बना दिया। अब गुंडागर्दी करके एल्डरमैन से वोटिंग करवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस नहीं हैं और हम बीजेपी को एमसीडी पर कब्ज़ा नहीं करने देंगे।
एक और विधायक संजीव झा ने कहा कि उप राज्यपाल ने अवैध तरीके से बीजेपी कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन नियुक्त कर संविधान की हत्या की है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम करना बंद करें और देश की जनता को बताएं कि अवैध तरीके से चुने गए उप राज्यपाल मेयर के चुनावल में वोट डालेंगे या नहीं?
क्या हुआ था सदन में?
बताना होगा कि शुक्रवार को एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए मतदान होना था लेकिन निर्वाचित पार्षदों से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा मनोनीत किए गए पार्षदों को शपथ दिलाने को लेकर सदन अखाड़ा बन गया। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की हुई और दोनों दलों ने एक-दूसरे पर उनके पार्षदों की पिटाई करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि एमसीडी के तीनों नगर निगमों के एकीकरण का मामला हो, वार्डों का परिसीमन करना हो या गुजरात के विधानसभा चुनाव के साथ ही एमसीडी के चुनाव करवाना हो, इन सब पैंतरों के बावजूद दिल्ली की जनता ने बीजेपी को एमसीडी से निकाल कर बाहर फेंक दिया है। लेकिन अब वह किसी भी कीमत पर दिल्ली में अपना मेयर बनाना चाहती है।
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर विवाद
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि एमसीडी में मुकेश गोयल सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी ना बनाकर बीजेपी की पार्षद को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया। दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की थी।
एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।