बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में झंडे और प्लेकार्ड लिए हुए थे जिनमें कश्मीरी पंडितों का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। आम आदमी पार्टी ने उग्र प्रदर्शन पर जोरदार पलटवार किया है।
बीजेपी की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के बाहर उग्र प्रदर्शन किया। युवा मोर्चा के कार्यकर्ता केजरीवाल के कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स से जुड़ी टिप्पणी को लेकर सड़क पर उतरे थे। केजरीवाल ने कुछ दिन पहले दिल्ली की विधानसभा में कहा था कि बीजेपी नेता इस फिल्म के पोस्टर लगा रहे हैं।
युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री आवास के मुख्य द्वार पर तोड़फोड़ की। आम आदमी पार्टी ने तोड़फोड़ की निंदा की है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल की हत्या कराना चाहती है।
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश भी की। लेकिन आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली पुलिस बीजेपी के नेताओं को रोकने की जगह उनके साथ खड़ी दिखाई दी।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में झंडे और प्लेकार्ड लिए हुए थे जिनमें कश्मीरी पंडितों का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उन्हें रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेड को फांद कर मुख्यमंत्री के आवास तक पहुंच गए, वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने गेट पर रंग भी फेंक दिया और एक सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया।
टैक्स फ्री करने की मांग
दिल्ली बीजेपी के नेता द कश्मीर फाइल्स को लगातार टैक्स फ्री करने की मांग कर रहे हैं जबकि अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा था कि इस फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को यह फिल्म यूट्यूब पर डाल देनी चाहिए जिससे वह पूरी तरह फ्री हो जाएगी और लोग इसे देख सकेंगे।
मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी
बीजेपी कार्यकर्ताओं के उग्र प्रदर्शन के बाद पूरी आम आदमी पार्टी मैदान में उतर आई और कहा कि बीजेपी केजरीवाल को चुनाव में नहीं हरा पा रही है और इस तरह की हरकतों पर उतर आई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब में मिली करारी हार के बाद बीजेपी बौखला गई है और अब यह साफ हो चुका है कि बीजेपी को सिर्फ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से डर लगता है।
यहां यह याद दिलाना होगा कि साल 2020 के दिसंबर में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर के अंदर घुसकर इसी तरह उग्र प्रदर्शन किया था।
सुरक्षा पर सवाल
दिल्ली देश की राजधानी है और यहां पर अगर मुख्यमंत्री के घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता पहुंचकर हंगामा करने लगें तो आम आदमी की सुरक्षा कितनी मजबूत होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
दिल्ली की पुलिस और यहां की कानून व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है और इस मंत्रालय की जिम्मेदारी अमित शाह संभालते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी तकरार जरूर हो सकती है लेकिन मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में ऐसी चूक बेहद गंभीर है क्योंकि दिल्ली में देशभर के सांसद तमाम बड़े लोगों के साथ ही तीन करोड़ से ज्यादा आम लोग भी रहते हैं।
अगर मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है तो आम लोगों की सुरक्षा का क्या होगा, यह सवाल बीजेपी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद हर कोई शख्स पूछेगा।