Delhi Acid Attack Case:दिल्ली के करोल बाग इलाके में एसिड अटैक हुआ। जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने पीड़िता के पिता को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक उन्होंने पारिवारिक विवाद के चलते यह साजिश रची थी। पुलिस ने जिसे पहले मुख्य आरोपी कहा था, उसे अब छोड़ दिया है।
दिल्ली एसिड अटैक घटना में अब पिता पुत्री ही आरोपी हैं।
दिल्ली के करोल बाग इलाके में कथित एसिड अटैक मामले ने चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। 20 वर्षीय दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) की छात्रा पर एसिड से हमले की शुरुआती शिकायत के मात्र 24 घंटों बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को क्लीन चिट दे दी है। जांच में सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर पुलिस ने पूरा मामला फर्जी बताया है। छात्रा के पिता अकील खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक उन्होंने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि उन्होंने परिवारिक विवाद के चलते यह साजिश रची थी। पुलिस के अनुसार, यह दो परिवारों के बीच बदले की कार्रवाई का हिस्सा था।
घटना की शुरुआत और फर्जीवाड़े का खुलासा
27 अक्टूबर को पीड़िता ने दिल्ली के आशोक विहार स्थित अपने कॉलेज के पास तीन युवकों जितेंद्र, ईशान और अरमान पर एसिड अटैक का आरोप लगाया था। पीड़िता ने बताया कि जितेंद्र नामक स्टॉकर उसे महीने भर से परेशान कर रहा था। हाल ही में दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था। हमले के तुरंत बाद पीड़िता को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके चेहरे और हाथों पर सतही जलन की पुष्टि की। शुरुआत में यह मामला सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर वायरल हो गया, जिससे एसिड अटैक पीड़िता के लिए न्याय की मांग तेज हो गई। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी मामले का संज्ञान लिया और आरोपी की गिरफ्तारी व पीड़िता को मुआवजे की मांग की।
लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू करते ही कई विसंगतियां पकड़ीं। मुख्य आरोपी जितेंद्र के सीडीआर से पता चला कि हमले के समय वह करोल बाग में पेंटिंग का काम कर रहा था, जो अपराध स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर है। नई सीसीटीवी फुटेज ने इसकी पुष्टि की, जिसमें जितेंद्र को सुबह करीब 10 बजे करोल बाग के अंडरग्राउंड पार्किंग में अपनी मोटरसाइकिल पर सवार दिखाया गया। पीड़िता द्वारा वर्णित बाइक भी करोल बाग में पार्क मिली। अपराध स्थल पर फोरेंसिक टीम को एसिड का कोई निशान या खाली बोतल नहीं मिली। डॉक्टरों की रिपोर्ट से भी साफ हुआ कि जलनें हल्की थीं, जो किसी घरेलू रसायन से मेल खाती हैं, न कि औद्योगिक एसिड से।
एसिड अटैक केस में आरोपी ने क्यों रचा सारा ड्रामा
इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब फरार चल रहे अकील खान को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने जितेंद्र को फंसाने के लिए यह फर्जी अटैक रचा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अकील खान पर जितेंद्र की पत्नी ने 2021 से 2024 के बीच रेप का आरोप लगाया था, जब वह अकील के सॉक्स फैक्टरी में काम करती थी। अकील ने कथित तौर पर निजी वीडियो से ब्लैकमेल करने का भी आरोप झेला। बदला लेने के इरादे से अकील ने अपनी बेटी से कहा, "मुझे फंसाया जा रहा है, अब हम भी लड़ेंगे।" बेटी ने खुद ही टॉयलेट क्लीनर (एक घरेलू सफाई रसायन) खरीदा और खुद पर डाल लिया। पुलिस ने पीड़िता के घर से यह बोतल बरामद कर ली है।अकील ने यह भी स्वीकार किया कि तीनों आरोपी जितेंद्र, ईशान और अरमान के खिलाफ व्यक्तिगत दुश्मनी थी, और यह साजिश उन्हें फंसाने के लिए बुनी गई। पीड़िता ने ई-रिक्शा से कॉलेज से 200 मीटर दूर उतरकर यह नाटक रचा। पुलिस ने अब अकील खान और उनकी बेटी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत फर्जी एफआईआर दर्ज करने, सबूत गढ़ने और जांच में गुमराह करने का केस दर्ज किया है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "साक्ष्य स्पष्ट रूप से साबित करते हैं कि कोई एसिड अटैक नहीं हुआ। पिता का कबूलनामा और मेडिकल रिपोर्टें एक सोची-समझी साजिश को उजागर करती हैं।" जितेंद्र को पूरी तरह बरी कर दिया गया है, जबकि अन्य आरोपी भी जांच में क्लीन चिट पा चुके हैं।