loader

दिल्ली: केजरीवाल ने विधानसभा में फाड़ी कृषि क़ानूनों की कॉपी

मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विपक्षी नेताओं में सबसे ज़्यादा मुखर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरूवार को विधानसभा में कृषि क़ानूनों की कॉपियों को फाड़ दिया और केंद्र सरकार पर जमकर हमले किए। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा में कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया है। 

केजरीवाल बहुत समय बाद अपने पुराने रंग में नज़र आए। आक्रामक छवि के लिए पहचाने जाने वाले केजरीवाल पर बीच में बीजेपी के साथ मिलीभगत करने के भी आरोप लगने लगे थे। लेकिन कृषि क़ानूनों के मसले पर केजरीवाल बीजेपी और मोदी सरकार को घेरने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ रहे हैं। 

केजरीवाल ने जब कृषि क़ानूनों की कॉपी फाड़ी तो आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डेस्क थपथपाकर उनके इस क़दम का स्वागत किया और जय जवान-जय किसान के नारे लगाए। 

केजरीवाल ने कहा, ‘अब तक 20 से ज़्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। लगभग हर दिन एक किसान शहीद हो रहा है। मैं केंद्र की सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप और कितनी जान लोगे।’

केजरीवाल ने संत बाबा राम सिंह की आत्महत्या को लेकर दुख व्यक्त किया और कहा कि जब किसानों की पीड़ा को बर्दाश्त करना उनके लिए मुश्किल हो गया तो उन्होंने शहादत दे दी। संत बाबा राम सिंह ने बुधवार शाम को ख़ुद को गोली मारकर जान दे दी थी। 

केजरीवाल ने वर्तमान किसान आंदोलन की 1907 में हुए किसानों के आंदोलन से तुलना की। उन्होंने कहा कि किसानों ने तब 9 महीने तक अंग्रेजों के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ संघर्ष किया था और अंग्रेजी हुक़ूमत को वे क़ानून वापस लेने पड़े थे। 

ताज़ा ख़बरें

केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के सारे नेताओं को अफीम खिला दी गई है और रटा दिया गया है कि उन्हें कृषि क़ानूनों को लेकर क्या बोलना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली की सरकार के वकील ने किसानों का पक्ष मजबूती से रखा है। 

किसानों का आंदोलन जब से शुरू हुआ है, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी जबरदस्त सक्रिय हैं। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसानों के लिए तमाम ज़रूरी इंतजाम किए हैं और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने होर्डिंग्स भी लगाए हैं जिनमें लिखा है- किसानों का दिल्ली में स्वागत है। केजरीवाल ख़ुद सिंघू बॉर्डर पर जाकर इंतजामों की समीक्षा कर चुके हैं। 

सुनिए, किसान आंदोलन पर चर्चा- 

अनशन पर बैठे थे केजरीवाल 

केजरीवाल हाल ही में किसानों के समर्थन में एक दिन के अनशन पर रहे थे। बीजेपी के आला नेताओं और मोदी सरकार के मंत्रियों की ओर से किसानों के आंदोलन में शामिल लोगों को देशद्रोही-खालिस्तानी बताए जाने को लेकर केजरीवाल ने पूछा था कि क्या किसानों के साथ बैठे हज़ारों पूर्व सैनिक, देश के लिए मेडल लाने वाले खिलाड़ी, डॉक्टर्स, पंजाबी गायक क्या देशद्रोही हैं।

दिल्ली से और ख़बरें

पंजाब की सियासत पर असर

किसान आंदोलन ने पंजाब की सियासत पर भी गहरा असर किया है। इसलिए शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ख़ुद को किसानों का हितैषी दिखाने की जोरदार कोशिश कर रहे हैं। पंजाब की सियासत में किसानों का ख़ासा असर है। किसानों के इन क़ानूनों के पुरजोर विरोध में उतरने के कारण ही शिरोमणि अकाली दल को एनडीए से नाता तोड़ना पड़ा और मोदी सरकार में शामिल मंत्री हरसिमरत कौर बादल को इस्तीफ़ा भी देना पड़ा। 

Kisan protest in delhi Delhi Assembly rejects farm laws  - Satya Hindi

अमरिंदर से हुई थी भिड़ंत

पंजाब में किसान वोटों की अहमियत को देखते हुए ही किसान आंदोलन के मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भिड़ चुके हैं। कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जोरदार बहस हुई थी। अमरिंदर ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों में से एक को नोटिफ़ाई कर दिया है और इस मामले में उसका दोहरा रवैया उजागर हुआ है। जबकि केजरीवाल ने इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें