दिल्ली में 17 छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी 'बाबा' स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पुलिस ने दबोच लिया। एयर फोर्स मुख्यालय से पहली बार 'बाबा' के खिलाफ 4 अगस्त को शिकायत मिली थी।
स्वामी चैतन्यानंग सरस्वती
दिल्ली पुलिस ने वसंत कुंज स्थित एक निजी प्रबंधन संस्थान के निदेशक और
स्वयंभू 'बाबा' स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी को आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर 17 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न और पैसे की धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती 50 दिनों तक फरार रहे। वह 4 अगस्त को भाग गए थे, जब संस्थान को एयर फोर्स मुख्यालय से 'बाबा' के खिलाफ शिकायत मिली थी।
पुलिस के अनुसार स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पिछले 12 वर्षों से दिल्ली के इस आश्रम में रह रहे थे। उनपर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडबल्यूएस की छात्राओं को निशाना बनाने का आरोप है। इन छात्राओं ने संस्थान में पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट कोर्स में ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप के तहत दाखिला लिया था। शिकायत में 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने स्वामी चैतन्यानंद पर अभद्र भाषा, अश्लील संदेश भेजने और शारीरिक संपर्क के आरोप लगाए।
छात्राओं ने बताया कि स्वामी चैतन्यानंद ने उन्हें देर रात अपने कमरे में बुलाया, शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया और असहमति पर कम अंक देने या फेल करने की धमकी दी। कुछ मामलों में उन्होंने विदेश यात्रा, आईफोन, और इंटर्नशिप जैसे प्रलोभन भी दिए। इसके अलावा, शिकायतों में यह भी सामने आया कि खुद पूर्व में स्वामी की शिकार रही संस्थान की कुछ महिला कर्मचारियों ने छात्राओं पर उनके साथ सहमति बनाने का दबाव डाला।
पुलिस जाँच और गिरफ्तारी
शिकायत दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपी बाबा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की। पीड़ित छात्राओं ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान दर्ज किए। पुलिस ने जांच के दौरान संस्थान के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जिसके बारे में संदेह है कि उसमें छेड़छाड़ की गई थी। फुटेज को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस ने बताया कि स्वामी चैतन्यानंद अगस्त से फरार थे और लगातार अपनी लोकेशन और पहचान बदल रहे थे। इसने कहा है कि उनकी हिरासत में पूछताछ अहम है ताकि उनकी बड़ी धोखाधड़ी और धमकी के पैटर्न का खुलासा हो सके।
स्वामी पर आपराधिक मामले
यह पहली बार नहीं है जब स्वामी चैतन्यानंद पर इस तरह के आरोप लगे हैं। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को श्री श्रृंगेरी मठ प्रशासन की शिकायत के आधार पर दर्ज वित्तीय गड़बड़ी के मामले में पार्थसारथी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। श्रृंगेरी मठ और पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि धन के दुरुपयोग की FIR दर्ज होने के बाद पार्थसारथी ट्रस्ट के 55 लाख रुपये लेकर फरार हो गए। उन्होंने बैंक से लगभग 55 लाख रुपये निकाले और एक अलग नाम से फर्जी पासपोर्ट भी बनवा लिया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उनके खिलाफ 2009 में डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था, और 2016 में वसंत कुंज में एक अन्य छात्रा ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज की थी, जो ट्रायल के चरण में है। इसके अलावा, स्वामी ने 28 किताबें लिखने का दावा किया है, जिनमें से कुछ में कथित तौर पर स्टीव जॉब्स जैसे प्रमुख व्यक्तियों की प्रस्तावना शामिल है।
आश्रम प्रशासन का बयान
श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम श्रींगेरी द्वारा संचालित है। श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम श्रींगेरी ने एक बयान जारी कर स्वामी चैतन्यानंद के साथ सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की। बयान में कहा गया, 'स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पहले स्वामी (डॉ.) पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था। इन्होंने अवैध, अनुचित और पीठम के हितों के खिलाफ गतिविधियों में भाग लिया है। परिणामस्वरूप, पीठम ने उनके साथ सभी संबंध ख़त्म कर दिए हैं और उनके अवैध कार्यों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है।'
पुलिस ने स्वामी की संपत्तियों और बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है। व्हाट्सएप चैट और कॉल रिकॉर्ड जैसे डिजिटल साक्ष्य जुटाए गए हैं, जो पीड़ितों के बयानों को पुष्ट करने में महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा, संस्थान के हॉस्टल में गुप्त कैमरे लगाए जाने की बात सामने आई है, जिसकी जांच भी की जा रही है।