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मुंडका आग: फैक्ट्री मालिक के पास नहीं थी एनओसी, गिरफ्तार

दिल्ली के मुंडका में चार मंजिली इमारत में चल रही एक फैक्ट्री में लगी भीषण आग के मामले में बड़ी लापरवाही की बात सामने आई है। इस फैक्ट्री के मालिकों के पास एनओसी नहीं थी। दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख अतुल गर्ग ने आज तक को बताया कि कंपनी के मालिकों ने कभी भी दमकल विभाग से एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया। 

उन्होंने कहा कि इस इमारत में चल रही अधिकतर फैक्ट्रियों ने एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया है और यह सभी नियमों को धता बताते हुए चल रही हैं।

जबकि इस तरह की किसी भी कॉमर्शियल फैक्ट्री को चलाने के लिए एनओसी बेहद जरूरी है।

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इस फैक्ट्री के मालिकों वरुण गोयल और सतीश गोयल को दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। इस हादसे में अभी तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 40 लोग झुलस गए हैं। आग इतनी जबरदस्त थी कि 6 घंटे की लगातार मशक्कत के बाद उस पर काबू पाया जा सका। 

बड़ी लापरवाही

60 से 70 लोगों को बिल्डिंग से निकालकर बचा लिया गया जबकि 19 लोगों का अभी भी पता नहीं चल सका है। यहां सवाल इस बात का है कि इतनी बड़ी फैक्ट्री को चला रहे लोगों के पास दमकल विभाग की एनओसी नहीं थी तो इससे जुड़ा सरकारी दफ्तर क्या कह रहा था। फैक्ट्री के मालिकों के खिलाफ बिना एनओसी के फैक्ट्री चलाने को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। 

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सबक लेगा विभाग?

फायर सर्विस विभाग को इस हादसे से सबक लेते हुए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में चल रही हजारों फैक्ट्रियों के मालिकों को तुरंत बुलाना चाहिए और जिनके पास एनओसी न हो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री को बंद कर देना चाहिए। क्योंकि पूरी दिल्ली में हजारों की संख्या में इमारतों में छोटी-छोटी फैक्ट्रियां और गोदाम चल रहे हैं और इनके पास दमकल विभाग से जारी की गई एनओसी है या नहीं इस बारे में कुछ पता नहीं है। 

उपहार सिनेमा कांड

इस हादसे ने दिल्ली के उपहार सिनेमा में हुए अग्निकांड से मिले जख्मों को कुरेद दिया है। 

दिल्ली के उपहार सिनेमा हॉल में यह घटना 13 जून 1997 को घटी थी। 'बॉर्डर' फ़िल्म चल रही थी तभी सिनेमा हॉल में आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए केस सीबीआई को सौंपा गया था। 
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क़मर वहीद नक़वी
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