loader

शाहीन बाग: SC ने कहा- हाई कोर्ट जाएं याचिकाकर्ता

दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग से अतिक्रमण हटाए जाने के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएं।

हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के बाद उत्तरी एमसीडी की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तरी एमसीडी को यह कार्रवाई रोकनी पड़ी थी।

सोमवार को शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचे एमसीडी के दस्ते को स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के बाद एमसीडी का बुलडोजर नाम मात्र की कार्रवाई करके वापस लौट गया।

उधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अतिक्रमण हटाने के अभियान का विरोध करके यह साबित कर दिया है कि वह रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की समर्थक है।

ताज़ा ख़बरें

हुआ जोरदार विरोध

भीम आर्मी, कांग्रेस के नेताओं और स्थानीय लोगों ने बुलडोजर के आगे बैठकर एमसीडी की कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। इस दौरान कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में कोई अतिक्रमण नहीं है।

अमानतुल्लाह खान ने कहा कि उनकी विधानसभा में जहां कहीं भी अतिक्रमण होगा वह खुद उसे हटवाने के लिए आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में सिर्फ राजनीति हो रही है।

इस दौरान हालात को संभालने के लिए भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों की भी तैनाती की गई थी।

दिल्ली से और खबरें

बता दें कि शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ जोरदार आंदोलन चला था और तब इसकी गूंज देशभर में हुई थी।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार वाले इलाकों में अतिक्रमण पर सर्वे कराया था और इसके बाद जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें कई जगहों पर अतिक्रमण होने की बात कही गई है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें