दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह के एक विवादास्पद भाषण ने शैक्षणिक जगत में हंगामा मचा दिया है। उन्होंने ‘अर्बन नक्सलवाद’ को शहरी क्षेत्रों और विश्वविद्यालयों में फैलने वाली एक गहरी समस्या बताते हुए प्रोफेसरों पर छात्रों के दिमाग ‘प्रदूषित’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने पिंजरा तोड़ जैसे छात्र आंदोलनों को नक्सलवाद का एक रूप करार दिया। इस बयान पर फैकल्टी सदस्यों, छात्रों और बुद्धिजीवियों ने कड़ी निंदा की है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है।
यूनिवर्सिटी में फैल रहा ‘अर्बन नक्सलवाद’, प्रोफेसर दिमागों को प्रदूषित कर रहे: डीयू वीसी
- दिल्ली
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- 6 Oct, 2025
डीयू वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में अर्बन नक्सलवाद फैल रहा है और कुछ प्रोफेसर छात्रों के दिमाग प्रदूषित कर रहे हैं। इस बयान पर फैकल्टी और छात्रों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।

डीयू वीसी योगेश सिंह
‘अर्बन नक्सलवाद’ शब्द 2018 से चर्चा में है। यह शहरों में नक्सली विचारधारा को समर्थन देने वालों के लिए इस्तेमाल होता है। सरकार इसे आंतरिक सुरक्षा खतरे के रूप में देखती है, जबकि आलोचक इसे असहमति दबाने का हथियार बताते हैं।