दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से बनाए गए पांच सदस्यों वाले पैनल ने कहा है कि दंगों के दौरान पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय थी और उसकी जांच पक्षपातपूर्ण थी। पैनल ने दिल्ली सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दंगों के चार महीने बाद भी दंगा पीड़ितों का सही ढंग से पुनर्वास नहीं हो सका है। पैनल ने यह भी कहा है कि दंगों में पुलिस की सहभागिता थी।
‘दिल्ली दंगों के दौरान निष्क्रिय थी पुलिस, पक्षपातपूर्ण जांच हुई’: अल्पसंख्यक पैनल
- दिल्ली
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- 18 Jul, 2020
पैनल ने दिल्ली सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दंगों के चार महीने बाद भी दंगा पीड़ितों का सही ढंग से पुनर्वास नहीं हो सका है।

इस पैनल के प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एम.आर.शमशाद थे। शमशाद ने कहा है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगाग्रस्त 8 इलाक़ों में मुसलिम महिलाओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। शमशाद के मुताबिक़, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था।