पंजाब के विधानसभा चुनाव से पहले शिरोमणि अकाली दल (बादल) को बूस्टर डोज मिली है। पार्टी ने सिख राजनीति के लिहाज से बेहद अहम दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के चुनाव में जीत हासिल की है। उसे 46 में से 27 सीटों पर जीत मिली है। मंजीत सिंह जीके की जागो पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली जबकि अकाली दल (दिल्ली) को 14 सीटों पर। पंजाब में छह महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और अकाली दल ने जीत के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है।
डीएसजीपीसी चुनाव में जीत से पंजाब में अकाली दल को होगा फ़ायदा?
- दिल्ली
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- 26 Aug, 2021
दिल्ली में सिख समुदाय जिसके साथ खड़ा रहता है, उसका असर पंजाब में भी थोड़ा-बहुत ज़रूर होता है।

क्यों अहम हैं डीएसजीपीसी चुनाव?
दिल्ली में एक बड़ी आबादी सिखों और पंजाबियों की है। इनकी बहुत बड़ी रिश्तेदारी पंजाब में है और कारोबारी रिश्ते भी हैं। डीएसजीपीसी के नतीजों को इस बात का संकेत भी माना जाता है कि दिल्ली का सिख समुदाय किसके साथ खड़ा है। हालांकि डीएसजीपीसी चुनाव में सिखों को ही वोट देने का हक़ है।
दिल्ली में सिख समुदाय जिसके साथ खड़ा रहता है, उसका असर पंजाब में भी थोड़ा-बहुत ज़रूर होता है। इसलिए अकाली दल तो खुलकर और कांग्रेस, बीजेपी भी हमेशा से पीछे दरवाज़े से अपने सिख उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरा जोर लगाते हैं।