दिल्ली के लेफ़्टीनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को एक बहुत ही महत्वपूर्ण फ़ैसला देने वाला है। यह इस राज्य के लिए बेहद अहम होगा। इससे राज्य और इसके मुख्यमंत्री की संवैधानिक स्थिति तो साफ़ हो ही जाएगी, यह भी  स्पष्ट हो जाएगा कि लेफ़्टीनेंट गवर्नर किस हद तक मुख्यमंत्री के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हैं और उनकी भूमिका क्या होगी। साथ ही, यह भी  पता चल जाएगा कि राज्य और केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें होने पर केंद्र सरकार किस हद तक हस्तक्षेप कर राज्य सरकार पर लगाम लगा सकती है।