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दिल्ली दंगों को लेकर जेएनयू के छात्र नेता उमर ख़ालिद पर लगा यूएपीए

जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र नेता उमर ख़ालिद पर दिल्ली में हुए दंगों को लेकर ग़ैर क़ानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) लगा दिया गया है। उमर के अलावा भजनपुरा के स्थानीय निवासी दानिश पर भी यूएपीए लगाया गया है। 

इससे पहले जामिया के छात्र और राष्ट्रीय जनता दल की युवा शाखा के नेता मीरान हैदर, जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया को-ऑर्डिनेटर सफूरा ज़रगर को दिल्ली दंगों की साज़िश से जुड़े होने के आरोप में गिरफ़्तार किया जा चुका है। मीरान और सफूरा न्यायिक हिरासत में हैं। मीरान हैदर के सलाहकार अकरम ख़ान ने कहा है कि पुलिस ने मीरान व अन्य लोग जिनके नाम एफ़आईआर में दर्ज हैं, उन सभी के ख़िलाफ़ यूएपीए लगा दिया है। 

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अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, उमर और दानिश के ख़िलाफ़ यूएपीए लगाने का एक कारण इनका पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया से संबंध होना बताया गया है। अख़बार ने कहा है कि एक अफ़सर के मुताबिक़, आने वाले दिनों में कुछ और लोगों की गिरफ़्तारी हो सकती है। 

इस मामले में जो पहली एफ़आईआर दर्ज की गई थी, वह एक मुख़बिर द्वारा क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स यूनिट के सब-इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को दी गई जानकारी पर आधारित थी। एफ़आईआर में कहा गया है कि मुख़बिर ने सब-इंस्पेक्टर को बताया था कि दिल्ली में 23-25 फ़रवरी को हुए सांप्रदायिक दंगे पूर्व नियोजित साज़िश के तहत हुए थे और यह साज़िश उमर ख़ालिद, दानिश और दो अन्य संगठनों से जुड़े दो लोगों द्वारा रची गई थी। 

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एफ़आईआर में कहा गया है कि ख़ालिद ने दो जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और लोगों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के दिल्ली आने पर सड़कों को जाम करने के लिए कहा था। 

सब-इंस्पेक्टर ने एफ़आईआर में आरोप लगाया है कि साज़िश के तहत कर्दमपुरी, जाफराबाद, चांद बाग़, गोकुल पुरी, शिव विहार और कुछ नजदीकी इलाक़ों में पेट्रोल बम, पत्थर, एसिड की बोतलें इकट्ठा की गई थीं। एफ़आईआर के मुताबिक़, दानिश को अलग-अलग जगहों से लोगों को हिंसा में लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। जब इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को सौंपी गई तो ज़रगर और हैदर पर भी मुक़दमा दर्ज किया गया। 

लॉकडाउन के बाद से अब तक दिल्ली दंगों को लेकर ज़रगर, हैदर, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां और एक्टिविस्ट ख़ालिद सैफी को गिरफ़्तार किया जा चुका है। तमाम आरोपों के बीच पुलिस ने कहा है कि सभी गिरफ़्तारियां वैज्ञानिक और फ़ॉरेंसिक सबूतों के आधार पर की गई हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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