इधर ख़बरें गर्म हैं कि अलग-अलग प्रांतों में विरोधी दलों के बीच गठबंधन बन रहे हैं, जैसे मायावती और अखिलेश का उत्तर प्रदेश में, शरद पवार और कांग्रेस का महाराष्ट्र में, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का दिल्ली में। दूसरी तरफ़ ख़बर है कि विपक्ष के नेताओं को जेल जाने की तैयारी के लिए कहा जा रहा है। सोनिया और राहुल तो 'नेशनल हेरल्ड' के मामले में ज़मानत पर पहले से हैं, मायावती पर मुक़दमा चल ही रहा है, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भी अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी कहा जा रहा है कि तैयार रहो, तुम्हारे ख़िलाफ़ खदान घोटाले की जांच चल रही है और कहीं ऐसा न हो कि 2019 के चुनाव के पहले तुम जेल काटने लगो।
मोदी सरकार क्यों अपनी क़ब्र खोद रही है?
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- 7 Jan, 2019

कांग्रेस के प्रवक्ता कह रहे हैं, बस चार-छह महीने की देर है। जैसे ही पप्पूजी सत्ता में आए, रफ़ाल-सौदे की जांच होगी और गप्पूजी अंदर हो जाएंगे। वाह क्या बात है हमारे नेताओं की! उनकी इस अदा पर क़ुरबान हो जाने को जी चाहता है।