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प्रमोद सावंत, सीएम गोवा

गोवा में बीजेपी जीत की ओर, लेकिन आखिरी नतीजे का करना होगा इंतजार

गोवा में बीजेपी जीत की ओर बढ़ रही है लेकिन यहां जब तक अंतिम नतीजा नहीं आ जाता तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। हालांकि गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने सरकार बनाने का दावा किया है। बीजेपी नेता आज राज्यपाल से मिलकर दावा पेश करने वाले हैं। कांग्रेस ने अपने जीते हुए विधायकों को रिजॉर्ट में ले जाने का इंतजाम किया है। इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक बीजेपी गोवा की 40 विधानसभा सीटों में से 19 पर आगे चल रही है। कांग्रेस 10 पर आगे है। 

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गोवा में बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित बहुकोणीय मुकाबला था। 2017 में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन बीजेपी जिसने 13 सीटें जीतीं थीं, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और एमजीपी के समर्थन से सरकार बनाने में कामयाब रही। उन दोनों दलों ने तीन-तीन सीटें जीती थीं। दो निर्दलीय भी जीते थे। 2017 जैसे हालात को दोहराने से बचने के लिए, कांग्रेस ने मंगलवार शाम को पणजी के पास बम्बोलिम गांव में एक लक्जरी रिसॉर्ट में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को स्थानांतरित कर दिया। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बुधवार रात अपनी पार्टी के गोवा विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों और सहयोगी जीएफपी के उम्मीदवारों के साथ बैठक की, जहां यह निर्णय लिया गया कि चुनाव परिणाम आने के बाद गठबंधन अपने नेता का नाम तय करेगा और सरकार गठन का दावा पेश करेगा। 

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इस बीच, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। कांग्रेस ने कल कहा था कि अगर त्रिशंकु (हंग) विधानसभा होती है तो गोवा में सरकार बनाने के लिए समर्थन हासिल करने के लिए आप के साथ बातचीत की जा रही है।आप ने बेनाउलिम और वेलिम् में दो सीटें जीती हैं। बेनाउलिम से कैप्टन वेन्ज़ी वीगास और वेलिम से एंगर क्रूज़ सिल्वा ने जीत हासिल की।

इस बीच नतीजों से निराश पणजी विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवार अतानासियो मोनसेरेट ने कहा, "जहां तक ​​​​परिणामों का संबंध है, निराश हूं। बीजेपी काडर ने मेरे लिए नहीं बल्कि विपक्षी उम्मीदवार के लिए काम किया। मैंने बीजेपी और कांग्रेस से लड़ाई लड़ी। यह कुछ कार्यकर्ताओं के समर्थन के कारण मिली जीत है। उन समर्थकों की वजह से हम सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे।

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क़मर वहीद नक़वी
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