सिली सोल्स कैफे एंड बार को लेकर स्मृति ईरानी फिर से चर्चा में हैं। दरअसल, अब तक स्मृति ईरानी का परिवार सिली सोल्स कैफे से जुड़े होने से इनकार करता रहा है, लेकिन अब एक आरटीआई के खुलासे के बाद उनके दावे पर सवाल उठते हैं। आरटीआई से पता चलता है कि सिली सोल्स कैफे जिस कंपनी के नाम से है वह स्मृति ईरानी के पति जुबिन ईरानी की कंपनी की साझेदारी में है।
आरटीआई यानी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में कहा गया है कि गोवा के असगाओ में सिली सोल्स कैफे एंड बार को जारी किया गया फूड एंड ड्रग लाइसेंस ईटऑल फूड एंड बेवरेजेज लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप एलएलपी के नाम से है। यह कंपनी उग्रा मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी में काम कर रही है। उग्रा मर्केंटाइल में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति जुबिन ईरानी निदेशक हैं। एक एडवोकेट आयर्स रॉड्रिक्स के आरटीआई के जवाब में गोवा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी एफडीए ने यह जानकारी दी है।
स्मृति ईरानी अपने परिवार का उस बार से किसी तरह का संबंध होने से इनकार करती रही हैं। एक बयान में स्मृति ईरानी की बेटी के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल न तो मालिक हैं और न ही सिली सोल्स गोवा नामक रेस्तरां का संचालन कर रही हैं। इसको लेकर आरोप लगाने पर ईरानी ने जुलाई महीने में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा आदि को मानहानि का नोटिस भेजा था।
तब कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया था कि स्मृति ईरानी की बेटी गोवा में बार चलाती हैं और उसका लाइसेंस अवैध है। आरोप लगाया गया था कि जिस शख्स को यह लाइसेंस मिला था, उसकी मौत हो चुकी है। कांग्रेस के इस आरोप के बाद स्मृति ईरानी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और आंखों में आंसू लाते हुए कहा कि वो चूंकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर आरोप लगा चुकी हैं, इसलिए उन्हें घेरा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा था कि उनकी बेटी का कोई बार गोवा में नहीं है।
अब आरटीआई के तहत मिले दस्तावेज़ों के अनुसार, असगाओ गांव के सर्वेक्षण संख्या 236/22 के तहत सर्वेक्षण की गई संपत्ति को एंथनी डीगामा द्वारा ईटऑल खाद्य और पेय पदार्थ एलएलपी को 50,000 रुपये के मासिक किराए पर 1 जनवरी 2021 से 10 साल के लिए पट्टे पर दिया गया था।
यह पहले ही सामने आ चुका है कि सिली सोल्स कैफे एंड बार द्वारा ईटऑल फूड एंड बेवरेजेज एलएलपी के नाम पर जीएसटी नंबर एएआईएफई7039एच1जेडएम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बता दें कि वकील आयर्स रॉड्रिक्स की शिकायत पर कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। इसमें वकील ने आरोप लगाया था कि शराब के लाइसेंस को इस साल जून में एंथोनी डी गामा के नाम पर रिन्यू कराया गया था जबकि एंथोनी डी गामा की मई, 2021 में मौत हो चुकी है। उन्होंने अपनी शिकायत में बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र को भी संलग्न किया था।
गोवा के आबकारी आयुक्त ने इस मामले में इस संपत्ति के मालिकों मर्लिन एंथोनी डी गामा और उनके बेटे डीन डी गामा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आबकारी आयुक्त ने नोटिस में कहा था कि रेस्तरां के मालिक 7 दिन के भीतर इसका जवाब दें।
आयर्स रॉड्रिक्स ने सत्य हिन्दी के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने आबकारी आयुक्त के सामने इस बात को रखा कि इस मामले में आबकारी लाइसेंस धोखाधड़ी करके दिया गया है और यह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इसके बाद आबकारी आयुक्त ने दो मुद्दों को तय किया और उन्होंने प्रतिवादियों यानी एंथोनी की पत्नी और उनके बेटे को निर्देश दिया कि वे इस बारे में अपना जवाब दें।
अपने परिवार के ऊपर लगाए गए आरोपों को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खारिज किया था। उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि स्मृति ईरानी और उनकी बेटी गोवा रेस्तरां और बार के मालिक नहीं हैं। अदालत ने कहा था कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा, नेट्टा डिसूजा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर झूठे तीखे हमले की साजिश रची।
कोर्ट ने कहा था कि दस्तावेजों पर विचार करने पर यह स्पष्ट रूप से देखा गया है कि ऐसा कोई लाइसेंस नहीं था जो कभी वादी या उसकी बेटी के पक्ष में जारी किया गया था। वादी या उसकी बेटी रेस्तरां के मालिक नहीं हैं। अदालत ने तीन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ महिला और बाल विकास मंत्री ईरानी द्वारा दायर 2 करोड़ के दीवानी मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए कहा कि वादी या उनकी बेटी ने कभी लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया था।
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