गुजरात के अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में धर्म के आधार पर कोरोना वार्ड बनाने की ख़बर आने के बाद लगता है कि अब इस मामले में लीपापोती शुरू हो गयी है। गुजरात सरकार ने तो उस रिपोर्ट को खारिज कर ही दिया है, उस हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रींटेंडेंट डॉ. गुणवंत एच राठौड़ ने भी अब कहा है कि धर्म के आधार पर अलग कोरोना वार्ड नहीं बनाया गया है और उनके बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है। यानी वह पिछले बयान से पूरी तरह पलट गए। एक दिन पहले ही 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने लिखा था कि राठौड़ ने कहा था कि 'यहाँ हमने हिंदू और मुसलिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए हैं।' इस पर सवाल उठता है कि क्या यह बयान लीपापोती की कोशिश है?
गुजरात: धर्म के आधार पर अलग कोरोना वार्ड बनाने के मामले में अब लीपापोती?
- गुजरात
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- 16 Apr, 2020
गुजरात के अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में धर्म के आधार पर कोरोना वार्ड बनाने की ख़बर आने के बाद लगता है कि अब इस मामले में लीपापोती का प्रयास शुरू हो गया है।

अलग वार्ड बनाए जाने की इस रिपोर्ट के आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। इस पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग यानी यूएससीआईआरएफ़ ने ट्वीट कर धर्म के आधार पर मरीजों को अलग रखे जाने पर चिंता जताई थी। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया में कहा था कि यूएससीआईआरएफ़ भ्रमित करने वाली रिपोर्ट को फैला रहा है। इसने कहा था कि कोरोना के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय लक्ष्य को धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए।