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पवन सिंह के बाद नितिन पटेल ने ली मेहसाणा से उम्मीदवारी वापस

गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता नितिन पटेल ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मेहसाणा सीट से उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फ़ैसला किया है। एक दिन पहले ही उनके नाम की घोषणा की गई थी। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल में हुआ जहाँ आसनसोल सीट से उम्मीदवार घोषित किए गए भोजपुरी सिंगर-गायक ने अपने नाम वापस लेने की घोषणा कर दी है।

उनका यह फ़ैसला बीजेपी द्वारा आम चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के एक दिन बाद आया है। इस सूची में गुजरात से 15 उम्मीदवार शामिल हैं। संसद के निचले सदन में राज्य की कुल 26 सीटें हैं। रविवार को एक पोस्ट में अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा करते हुए नितिन पटेल ने कहा कि मेहसाणा से उम्मीदवार का नाम अभी तय नहीं हुआ है और प्रक्रिया जारी है।

सोशल मीडिया पर इस बारे में घोषणा करते हुए रविवार को उन्होंने लिखा कि 'मेहसाणा लोकसभा सीट से पार्टी अपने प्रत्याशी का नाम तलाश कर रही है, अभी चयन प्रक्रिया जारी है। उससे पहले मैं अपनी उम्मीदवारी वापस लेता हूं।'

उन्होंने कहा, 'मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि नरेंद्र भाई मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें और पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाएं।'

बीजेपी की पहली सूची आने से पहले तक वह मेहसाणा सीट पर कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहे हैं। लेकिन अब उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है। पटेल ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अधीन अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक गुजरात के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।

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इससे पहले भाजपा द्वारा आसनसोल से पवन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के एक दिन बाद उन्होंने कहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनको बंगाल का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से वह अपने एक गाने को लेकर विवादों में भी थे। उस गाने को लेकर उनकी तीखी आलोचना की जा रही थी। 
इस बीच भोजपुरी गायक पवन सिंह ने भी रविवार को चौंकाने वाले अंदाज में चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की वजह नहीं बताई है, लेकिन उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि वह किसी कारणवश चुनाव नहीं लड़ पाएँगे।

इससे पहले जब बीजेपी ने आसनसोल सीट के लिए शनिवार को पवन सिंह के नाम का ऐलान किया था तो उन्होंने तुरंत पोस्ट करते हुए बीजेपी आलाकमान को धन्यवाद दिया था। 

पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भाजपा द्वारा उन्हें मैदान में उतारने पर भारी विरोध हो रहा था। बिहार निवासी 38 वर्षीय पवन सिंह की पसंद ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। कई लोगों ने उनकी डिस्कोग्राफी की ओर भी इशारा किया था, जिसमें बंगाली महिलाओं के आपत्तिजनक संदर्भ वाले कई गाने हैं। 

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मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पवन सिंह के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया ने खलबली मचा दी। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि बीजेपी को अनुमान था कि पवन सिंह की उम्मीदवारी आसनसोल में उसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें हटाने का निर्णय लिया गया और फिर उन्हें सूचित किया गया। फिर ट्वीट आया जिसमें अभिनेता-गायक ने कहा कि वह हट रहे हैं।

वैसे, बीजेपी की पहली सूची जारी होने के बाद कई बड़े चेहरे के टिकट काटे गए हैं। हर्षवर्धन सिंह ने तो टिकट काटे जाने के बाद राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। नफ़रती भाषण देने वाले प्रज्ञा सिंह ठाकुर, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और रमेश बिधूड़ी जैसे नेताओं के नाम पहली सूची में नहीं हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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