गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली ज़ाकिया जाफरी की याचिका पर बुधवार को तीसरे दिन सुनवाई हुई। ज़ाकिया की तरफ़ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सांप्रदायिक हिंसा एक ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा की तरह है, जो उस जमीन पर धब्बा छोड़ जाती है जिसे वह छूती है।
गुजरात दंगा- सांप्रदायिक हिंसा ज्वालामुखी के लावा की तरह: सिब्बल
- गुजरात
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- 11 Nov, 2021
गुजरात दंगों के मामले में ज़ाकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी है।

ज़ाकिया ने गुजरात दंगे में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधिकारियों को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीन चिट के ख़िलाफ़ याचिका दायर की है। ज़ाकिया दिवंगत कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। एहसान की अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हत्या कर दी गई थी।
सिब्बल ने न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि सांप्रदायिक हिंसा में उन्होंने भी पाकिस्तान में अपने नाना-नानी को खो दिया है। बेंच में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार भी शामिल थे।