राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हरियाणा में 'वोट चोरी' को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस दावे ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। जानिए पूरा मामला और कौन-कौन है निशाने पर।
मतदाता सूचियों में अनियमितताओं और 'वोट चोरी' पर
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब देश के अन्य राज्यों से भी जानकारियां उजागर होने लगी हैं। हरियाणा में चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट में संशोधन करके वोटर सर्विस सेक्शन को सीमित कर दिया है। मतदाता सूचियाँ अब वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से उपलब्ध नहीं हैं। कोई भी मतदाता केवल अपने मतदाता विवरण को ही जान सकता है।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर 2024 में हुए थे। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा में मतदाता सूचियों का 'विशेष सारांश पुनरीक्षण' जुलाई 2024 में करवाया गया था। अगस्त में संशोधित सूचियों के अनुसार चुनाव करवाए गए थे। लेकिन अब 'वोट चोरी' के खुलासे के बाद प्रदेश से मतदाता सूची में अनियमितताओं की जानकारियां धरातल पर आने लगी हैं। चुनावों की मतगणना के बाद हरियाणा कांग्रेस के 20 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों ने कई प्रकार की अनियमितताओं को ले कर अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी जिसमें सबसे ज्यादा ईवीएम की पूरी बैटरी चार्ज पाया जाना और मतगणना में पोस्टल बैलेट्स की सही और पूरी गणना न करने से जुड़ी थी। ये अब पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं।
कैसी गड़बड़ियाँ सामने आईं?
प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 56 यानी दादरी विधान सभा में बीजेपी प्रत्याशी सुनील सांगवान प्रदेश में बीजेपी के विरुद्ध लहर के बावजूद 1957 मतों से जीत प्राप्त करने में सफल हो गए। अब यहाँ से मतदाता सूचियों की अनियमितता की जानकारी मिल रही है। विधानसभा के बूथ संख्या 168 की मतदाता सूची की पड़ताल करने पर सामने आया है कि एक ही मकान के पते पर मकान संख्या 250 पर 45 मतदाता पंजीकृत हैं। अन्य बूथ नंबर 208 में कई मतदाताओं के दोहरे पंजीकरण मतदाता के रूप में हैं।
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 56 दादरी अनुभागों संख्या व नाम 1 क़स्बा दादरी वार्ड नं. 14 में वोट संख्या 691 अमित कुमार पिता का नाम जय करण मकान संख्या 258 एपिक न RFK 0227066 वोट न 692 पर भी अलग फोटो और एपिक न RFK 0301598 के साथ पंजीकृत है। वोट संख्या 580 रितु सैनी पति नाम मोहन लाल मकान नं 278 को क़स्बा दादरी वार्ड नं 15 में वोट संख्या 486 पर भी पंजीकृत किया हुआ है। इसी प्रकार वोट संख्या 550 एपिक नं RKF1029313 तरुण वर्मा पिता नाम कृष्ण कुमार मकान संख्या 278 डी को अन्य वोट संख्या 559 एपिक न RFK 0547463 के तहत पंजीकृत किया हुआ है। एक ही मकान संख्या 278 में 15 मतदाता पंजीकृत किये गए हैं। दादरी के एक अन्य वार्ड में एक ही घर संख्या 310 में दो भिन्न भिन्न महिलाओं के पति का नाम एक ही सतपाल दर्ज है। वोटर संख्या 74 उषा महिला 57 वर्ष मकान नं 310 एपिक नं HR /08 /64 /0289172 और वोटर नं 75 सुमन महिला 55 वर्ष एपिक नं HR /08 /64 /0289173 दर्ज हैं। इसी सूची में दादरी के भाजपा के विजयी प्रत्याशी सुनील सांगवान का नाम भी वोटर संख्या 78 एपिक न HR/08 /64 /0289175 पर दर्ज है।
अदालतों में मुक़दमे तक किए
मतगणना में चुनाव अधिकारियों की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही पर कई विवाद प्रदेश में हुए हैं। जींद जिले की उचाना विधानसभा संख्या 37 में पोस्टल बैलेट्स की गणना में कथित धांधली के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में केस किया हुआ है। इसी प्रकार सिरसा जिले की रानियां विधानसभा क्षेत्र संख्या 44 से कांग्रेस के प्रत्याशी सर्व मित्र काम्बोज ने भी बूथ स्तर में की गई कथित धांधलियों पर चुनाव आयोग के विरुद्ध केस किया हुआ है। रानियां विधानसभा में 9 बूथ पर कम वोट मिलने पर सर्व मित्र काम्बोज ने चुनाव आयोग से इन बूथों की ईवीएम और वीवीपैट के मिलान करवाने और दोबारा से गणना करने के लिए आग्रह किया था जिसे चुनाव अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। बाद में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रदेश चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को करना स्वीकार किया था। सर्व मित्र काम्बोज ने, जो विधिसम्मत शुल्क देय था, उसका भुगतान किया था लेकिन जिला चुनाव अधिकारियों ने दोबारा ईवीएम में वोट की गणना करने से साफ मना कर दिया और केवल एक डेमो करके दिखने तक इस प्रक्रिया को सीमित कर दिया था। इसके खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी अब उच्च न्यायालय में केस फाइल करने की तैयारी कर रहे हैं ताकि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी तरीके से हो सके।
मतगणना के दिन कई विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने डाक द्वारा प्राप्त मतदान की गणना को मनमाने तरीके से निरस्त किये जाने पर गंभीर सवाल उठाए थे। अटेली, चरखी दादरी, उचाना कलां, रानियां विधानसभा क्षेत्र इनमें मुख्य रूप से हैं। मतगणना में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मनमाने तरीके से कार्य करने को लेकर भी कई जगह विवाद हुए थे। मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग द्वारा जारी किये गए मतदान प्रतिशत को लेकर सवाल उठे। सबसे अधिक अचम्भित करने वाला मामला दादरी का है जहाँ 5 अक्टूबर को मतदान ख़त्म होने के बाद सबसे कम 58.10% मतदान का आंकड़ा जारी किया गया और जो पीआईबी के आधिकारिक नोटिस द्वारा किया गया था।
यह आंकड़ा 6 और 7 अक्टूबर को स्थिर रहा लेकिन 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित होने से पहले 7 तारीख की शाम को अचानक यह आंकड़ा लगभग 11 % बढ़ गया जिसका अभी तक कोई संतोषजनक जवाब चुनाव आयोग दे नहीं पाया कि क्यों और कैसे यह आंकड़ा इतना बढ़ गया। इस तरह की विसंगतियों से पूरी चुनावी प्रक्रिया ही पूरी तरह संदेह के घेरे में आ जाती है। वहीं इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुनील सांगवान केवल 1957 मतों से विजयी हो जाते हैं। पूरे हरियाणा में जहाँ लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद भाजपा अपनी जीत के लिए आश्वस्त नहीं थी और भारी जन विरोध से जूझ रही थी उसकी अप्रत्याशित जीत ने पूरे प्रदेश को अचरज में डाल दिया। भाजपा ने अपनी जीत को ढकने के लिए तरह तरह के प्रचार को आगे बढ़ाया जिसमें कहा गया कि जाट मतदाताओं में विभाजन हुआ और अनुसूचित जातियों के वोटों में विभाजन इसका एक बड़ा कारण रहा जो कांग्रेस की अंदरूनी फूट का परिणाम था।
वोट चोरी के खुलासे के बाद पूरे प्रदेश में अब प्रत्याशियों के साथ साथ कांग्रेस पार्टी के समर्थक भी चुनावी प्रक्रिया पर खुल कर बोलने लगे हैं कि किस प्रकार चुनाव को प्रदेश में लूटा जा रहा था। आम मतदाता जो अभी तक इस मुगालते में था कि शायद भाजपा को उनके आसपास के ही लोगों ने जितवा दिया है अब एक बड़े प्रचार के भ्रम से निकल पायेगा।