हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पुरन कुमार के पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार को लेकर गतिरोध सोमवार को और गहरा गया, क्योंकि परिवार ने एफआईआर में नामित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग पर अडिग रुख बनाए रखा। पुरन कुमार की पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने किसी भी भाजपा मंत्री से मिलने से इनकार कर दिया और जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस को उनका लैपटॉप सौंपने से भी मना कर दिया।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुमार 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे। उनका शव शनिवार को जीएमएसएच-16 से पीजीआईएमईआर के एडवांस्ड ऑटोप्सी सेंटर में भेज दिया गया था। तब से शव वहीं पर है। दलित संगठनों की महापंचायत ने हरियाणा सरकार को 48 घंटे का समय देते हुए पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई को कहा है। 
अमनीत कुमार, जो अपने भाई और पंजाब के आप विधायक अमित रतन कोटफत्ता के साथ थीं, ने घर पर संवेदना जताने पहुंचे राजनीतिक नेताओं पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि नेताओं और मंत्रियों के आने से क्या हासिल हो रहा है। हरियाणा सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। उसके बाद परिवार ने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया कि घर पर कोई भाजपा नेता या मंत्री अंदर नहीं आना चाहिए। हालांकि केंद्रीय मंत्री रामदास अठवले निजी हैसियत से शोक जताने के लिए सोमवार को पहुंचे।
परिवार ने कहा, “नेताओं ने अब तक क्या किया... आप क्या कहना चाहते हैं... हमें आपसे कुछ नहीं चाहिए... आपने मेरे दिवंगत पति के साथ क्या किया... अगर सरकार चाहे तो उनका शव भी ले ले।” परिवार ने अपनी मुख्य मांग हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के हटाए जा चुके एसपी नरेंद्र बिजरनिया और एफआईआर में नामित अन्य लोगों की गिरफ्तारी पूरी होने तक पोस्टमॉर्टम या अंतिम संस्कार की अनुमति न देने का फैसला दोहराया। इस रिपोर्ट के लिखे जाने के समय तक न तो पोस्टमॉर्टम हो सका था और न ही अंतिम संस्कार।

पुरन कुमार का लैपटॉप देने से इनकार

चंडीगढ़ पुलिस ने डिजिटल सबूत जुटाने और कुमार द्वारा लिखित और ईमेल किए गए “अंतिम नोट” की टाइमलाइन को सत्यापित करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने लैपटॉप तक पहुंच मांगी थी। यह नोट, जिसके आधार पर 9 अक्टूबर को सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी, में हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। हालांकि, परिवार ने मामले की जांच में अविश्वास का हवाला देते हुए लैपटॉप सौंपने से इनकार कर दिया।

उधर, जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों ने चिंता जताई है कि पोस्टमॉर्टम में देरी से फॉरेंसिक सबूत प्रभावित हो सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा, “गनपाउडर अवशेष और बैलिस्टिक निशान जैसे महत्वपूर्ण संकेतक खराब हो सकते हैं, जिससे मामला कमजोर हो सकता है।”
इस बीच, शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए राजनीतिक नेताओं का आना-जाना जारी रहा। सोमवार को उनसे मिलने वालों में तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले, पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल शामिल थे।