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गुड़गांव नमाज: पूर्व सांसद अदीब व दो अन्य पर दर्ज हुई एफआईआर 

गुड़गांव में सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज के विरोध के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। पूर्व सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अदीब ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।

मोहम्मद अदीब के अलावा मुफ्ती मोहम्मद सलीम कासमी और एक अन्य शख्स अब्दुल हसीब कासमी का नाम भी एफआईआर में है। एफआईआर गुड़गांव के सेक्टर 40 थाने में दर्ज हुई है।

यह एफआईआर जय भारत माता वाहिनी के संयोजक दिनेश ठाकुर की शिकायत पर दर्ज की गई है। दिनेश ठाकुर ने गुड़गांव में सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज का खुलकर विरोध किया था और पुलिस उसे तीन बार गिरफ्तार भी कर चुकी है। 

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दिनेश ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि मोहम्मद अदीब और कुछ अन्य लोगों ने सेक्टर 40 में एक जमीन पर अतिक्रमण कर मसजिद बनाने की योजना बनाई थी और वे दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे थे और इन लोगों को विदेशों से फंडिंग हो रही है। 

इसलिए उसने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है जिससे इस मामले की जांच हो सके। 

'एफआईआर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' 

इस बारे में मोहम्मद अदीब ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने बिना किसी तथ्य की जांच किए एफआईआर दर्ज कर दी और जांच कर रही है। और ये एफआईआर भी ऐसे आदमी की शिकायत पर दर्ज की गई है जिसे कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है। 

उन्होंने कहा कि यह बेहद अजीब है कि जो लोग शांति की अपील कर रहे हैं उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। 

अदीब ने कहा है कि वह इस एफआईआर से बिल्कुल नहीं डरेंगे। मुफ्ती मोहम्मद सलीम कासमी ने कहा कि एफआईआर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश है।
इस मामले में सेक्टर 40 पुलिस थाने के एसएचओ कुलदीप सिंह ने कहा है कि दिनेश ठाकुर की ओर से दी गई शिकायत में अखबार में छपी एक न्यूज़ रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इसमें कुछ ऐसे बयान हैं जिससे माहौल खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
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बता दें कि गुड़गांव में हिंदू संगठनों के लोग बीते कई महीनों से सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज का विरोध करते आ रहे हैं। इन लोगों को उन चयनित जगहों पर भी ऐतराज है जिनका चयन मुसलिम और हिंदू समुदाय और प्रशासन के अफसरों के बीच लंबी बातचीत के बाद नमाज पढ़ने के लिए किया गया था। 

खट्टर के बयान 

बीते कुछ दिनों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इस मामले में बयान दिए हैं। खट्टर का कहना है कि ताकत का ऐसा प्रदर्शन करना जिससे दूसरे समुदाय की भावनाएं भड़कती हों, यह गलत है। खट्टर ने यह भी कहा था कि खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को कतई सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुसलमानों को सलाह दी थी कि वे अपने घर में नमाज पढ़ें। 

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क़मर वहीद नक़वी
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