हरियाणा काडर के 52 वर्षीय दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार की खुदकुशी का मामला तूल पकड़ रहा है। वो मंगलवार को चंडीगढ़ में अपने आवास पर मृत पाए गए थे। उन्होंने एक ‘सुसाइड नोट’ में “जातिगत भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, टारगेट मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार” का आरोप लगाते हुए हरियाणा पुलिस के कई आईपीएस अधिकारियों, एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और तीन रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों का नाम लिया है। हालांकि उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत सौंपी है।
आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार एक आधिकारिक यात्रा पर जापान में थीं। वो बुधवार को लौटीं और उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि दोनों अधिकारियों ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया के लिए मीडिया की कॉल और टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं दिया। अमनीत ने अपने पति वाई पुरन कुमार को फंसाने की “ सुनियोजित साजिश” का आरोप लगाया है। 

डीजीपी और एसपी पर दलित आईपीएस को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप

आईएएस अमनीत ने चंडीगढ़ पुलिस को जो शिकायत सौंपी है, उसमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। उसमें आरोप लगाया गया है कि इन अधिकारियों ने उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाया। पुरन कुमार, जिन्हें हाल ही में रोहतक के सुनारिया में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का आईजीपी नियुक्त किया गया था, ने कथित तौर पर अपने सेक्टर 11 स्थित आवास पर खुद को गोली मार ली। अमनीत ने दावा किया कि उनके पति ने अपने सुसाइड नोट में डीजीपी और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।
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मेरी आत्मा पत्नी के रूप में न्याय की मांग करती हैः अमनीत

अमनीत ने अपनी शिकायत में कहा, “मेरे पति, जिनकी ईमानदारी मशहूर थी, हमारे घर पर गोली लगने से मृत पाए गए। जबकि आधिकारिक दावे आत्महत्या की ओर इशारा करते हैं, मेरी आत्मा एक पत्नी के रूप में न्याय की मांग करती है, जो अपने पति पर वरिष्ठ अधिकारियों, जिसमें डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर शामिल हैं, द्वारा वर्षों तक व्यवस्थित अपमान, उत्पीड़न और प्रताड़ना का गवाह रही है।”

'डीजीपी के निर्देश पर पति को फंसाया जा रहा था'

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति को जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा और उन्होंने बताया था कि डीजीपी के निर्देश पर उन्हें एक निराधार शिकायत में फंसाने की साजिश रची जा रही थी। अमनीत ने कहा, “6 अक्टूबर, 2025 को रोहतक के अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन में मेरे पति के कर्मचारी सुशील के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश के तहत झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मेरे पति को इस मामले में फंसाया जा रहा था, जिसने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया।”
उन्होंने दावा किया कि उनके पति ने इस मामले को लेकर डीजीपी कपूर से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने मामले को दबा दिया। उन्होंने कहा कि उनके पति ने रोहतक एसपी से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया।
अमनीत ने कहा कि उनके पति ने बार-बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम का उल्लेख किया था, क्योंकि उन्हें “जातिगत अपशब्दों, पुलिस परिसर में पूजा स्थलों से बहिष्कार, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अत्याचार” का सामना करना पड़ा था।
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उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति की आत्महत्या व्यवस्थित उत्पीड़न का प्रत्यक्ष परिणाम थी और उन्होंने कपूर और बिजरानिया की गिरफ्तारी की मांग की। जब इस मामले पर टिप्पणी के लिए चंडीगढ़ की मीडिया ने डीजीपी कपूर से उनके आधिकारिक फोन नंबर पर संपर्क किया, तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। वहीं, रोहतक एसपी बिजरानिया ने कॉल काट दिया।