हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने मंत्री के बयान से दूरी बना ली। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अभी नेमप्लेट और आईडी पर कोई फैसला नहीं हुआ है। वो मंत्री का व्यक्तिगत बयान है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह के गैरजिम्मेदाराना बयान पर कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाया। सूत्रों के अनुसार उन्हें दिल्ली बुलाकर फटकार लगाई गई और इस मामले पर विवादास्पद टिप्पणी करने से परहेज करने के लिए कहा गया। बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले को संभालने के सिंह के तरीके पर नाराजगी व्यक्त की है, जो अब राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
विक्रमादित्य की लिखी इन लाइनों का मतलब आसानी से समझा जा सकता है। यही सॉफ्ट हिन्दुत्व का संकेत है। सबसे अंत में जय श्रीराम लिखकर उन्होंने बताया है कि वो किस रास्ते पर हैं। लेकिन यहां बताना जरूरी है कि विक्रमादित्य सिंह किसी समय असंतुष्ट थे और सीएम बनने का ख्वाब पाले हुए थे। इनकी मां प्रतिभा वीरभद्र सिंह इस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और वो भी असंतुष्टों में शामिल थीं। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने मंत्री की घोषणा से कितना सहमत हैं, अभी यह साफ नहीं है।
विक्रमादित्य का कहना है कि 'पिछले कुछ दिनों से हमारे राज्य में अशांति थी। हमारे निर्णय किसी अन्य राज्य द्वारा संचालित नहीं होते हैं। सभी विक्रेताओं के लिए पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा - चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या किसी अन्य समुदाय से हों। हाईकोर्ट की ओर से हमें राज्य में वेंडिंग जोन, वेंडिंग पॉलिसी बनाने के निर्देश हैं। हालिया अशांति वेंडिंग नीति न होने की वजह से थी।