इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा देने के अजीबोगरीब मामले सामने आ रहे हैं। कोविड लॉकडाउन में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था कराह रही थी तब नयी खुली कंपनियाँ करोड़ों रुपये चंदा दे रही थीं। 2019 में खुली कंपनियाँ भी जब उनकी लाभ-हानि की रिपोर्ट भी नहीं आई होगी, साल भर में ही चंदा देना शुरू कर दिया था। तीन साल से कम समय से अस्तित्व में आई कंपनियों को राजनीतिक चंदा देने की अनुमति नहीं होने के बावजूद वे ऐसा कर रही थीं।