दिल्ली से सटे फरीदाबाद में पुलिस ने एक डॉक्टर के घर से 350 किलो विस्फोटक, AK-47 और अन्य हथियार बरामद किए हैं। दिल्ली के पास इतना भारी विस्फोटक कहाँ से आया और इसका मक़सद क्या था?
एके 47 (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दिल्ली से सटे फरीदाबाद में एक बड़ी कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक डॉक्टर के घर से 350 किलो विस्फोटक, एके-47 सहित भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया है। कार्रवाई फरीदाबद के पास धौज गांव में एक किराए के मकान में हुई। यहाँ से पाये गये 350 किलोग्राम विस्फोटक के अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है, जो बम बनाने में इस्तेमाल होता है। पुलिस ने इसके अलावा एक एके-47 राइफल, एक पिस्तौल, तीन मैगजीन, 20 टाइमर, एक वॉकी-टॉकी सेट और गोला-बारूद बरामद किया है। इस ऑपरेशन के दौरान जम्मू-कश्मीर के एक डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस की टीम भी इस कार्रवाई के दौरान मौजूद थी।
पुलिस के अनुसार 350 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री लगभग दो हफ़्ते पहले शकील के पास पहुँची थी। पुलिस को संदेह है कि उसके जैश-ए-मोहम्मद से संबंध हो सकते हैं, लेकिन यह साफ़ नहीं है कि राष्ट्रीय राजधानी के पास इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कैसे जमा किए गए थे। पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक बिना पकड़े दिल्ली के इतने क़रीब कैसे पहुँच गए। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि दिल्ली के इतने क़रीब जमा किए गए इतने बड़े विस्फोटक का इरादा क्या था।
सहारनपुर से तार कैसे जुड़े?
यह बरामदगी श्रीनगर में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का समर्थन करने वाले पोस्टर चिपकाने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पकड़े गए कश्मीरी डॉक्टर डॉ. आदिल अहमद राठर की गिरफ्तारी के बाद हुई।
यह घटना 27 अक्टूबर की है, जब श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर दिखाई दिए थे। स्थानीय पुलिस ने मामले की जाँच की और सीसीटीवी फुटेज में राठर को पोस्टर लगाते हुए देखा गया। उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ट्रैक किया गया और पिछले सप्ताह गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस को पता चला कि राठर पिछले साल अक्टूबर तक अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। जब पुलिस ने अनंतनाग में उसके लॉकर की तलाशी ली, तो एक असॉल्ट राइफल मिली। पूछताछ के दौरान उसने जो जानकारी साझा की, उसके आधार पर पुलिस ने शकील तक पहुँचने में सफलता पाई और फिर फरीदाबाद में विस्फोटक जब्त कर लिए।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूछताछ के दौरान राठर ने ऐसी जानकारी दी, जिससे पुलिस पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील तक पहुँची। शकील फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में कार्यरत हैं और उन्होंने धौज गांव में करीब तीन महीने पहले यह मकान किराए पर लिया था।
पुलिस कमिश्नर ने साफ़ किया कि बरामद सामग्री अमोनियम नाइट्रेट है, न कि आरडीएक्स जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में पहला बताया गया था। रविवार को समन्वित छापेमारी में शकील को गिरफ्तार किया गया और उनके घर से यह जखीरा जब्त किया गया।
अनंतनाग में एके-47 राइफल बरामद
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में राठर के लॉकर की तलाशी ली, जहां वह पिछले साल अक्टूबर तक सीनियर रेजिडेंट के तौर पर कार्यरत थे। वहां से एक एके-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ। राठर पर आर्म्स एक्ट और अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
दिल्ली से सटे फरीदाबाद में इतने बड़े हथियारों के जखीरे की बरामदगी के बाद सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हो गई हैं। विशेष रूप से त्योहारों के मौसम और आगामी चुनावों को देखते हुए यह मामला और गंभीर हो जाता है। कहा जा रहा है कि अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल बड़े विस्फोटों में किया जा सकता है, जैसा कि पहले कई आतंकी हमलों में देखा गया है।