एक्टिविस्ट हर्ष मंदर के ख़िलाफ़ ईडी की छापेमारी का शिक्षाविदों, पत्रकारों, फ़िल्म निर्माताओं, कार्यकर्ताओं और वकीलों सहित 600 शख्सियतों ने विरोध किया है। हर्ष मंदर का समर्थन करते हुए उन्होंने छापे की कार्रवाई को आलोचकों को धमकाने का प्रयास क़रार दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह लोगों के अधिकारों को रौंदने के लिए सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग है।
हर्ष मंदर के समर्थन में 600 शख्सियतें- 'छापे विरोध को दबाने की कोशिश'
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- 17 Sep, 2021
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गुरुवार को हर्ष मंदर से जुड़े तीन जगहों पर छापे मारे जाने को शिक्षाविदों, वकीलों जैसे लोगों ने आलोचकों को चुप कराने की कोशिश करार दिया है।

इस मामले में उन्होंने एक संयुक्त बयान जारी किया है। यह बयान उसकी प्रतिक्रिया में है जिसमें प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गुरुवार को हर्ष मंदर से जुड़े तीन जगहों पर छापे मारे हैं। यह छापेमारी तब की गई थी जब कुछ घंटे पहले ही हर्ष मंदर जर्मनी चले गए। दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज में मंदर के घर और अदचीनी में उनके कार्यालयों पर छापे मारे गए। इसके अलावा शहर के महरौली क्षेत्र में मंदर द्वारा संचालित दो आश्रय गृहों-उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम पर भी छापे मारे गए। कार्रवाई इस साल फ़रवरी में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एक एफ़आईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी है।