बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ भारी विरोध के बीच, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि युवाओं के मन में योजना को लेकर कई संदेह हैं और इसे वापस लेने की मांग की। सरकार युवकों को सेना में मनरेगा की मजदूरी पर रखना चाहती है, जिसे युवकों ने नामंजूर कर दिया है।
दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने पूछा कि क्या यह शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा जैसी पहल थी या आरएसएस का "छिपा हुआ एजेंडा" था।
यादव ने युवाओं से इस योजना का शांतिपूर्ण विरोध करने की भी अपील की। उन्होंने पूछा कि पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार 'वन रैंक, वन पेंशन' की बात करती है, लेकिन 'नो रैंक, नो पेंशन' की योजना लेकर आई है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सरकार से 20 सवाल पूछे और कहा कि लोगों के मन में कई शंकाएं हैं जिन्हें सरकार को दूर करना चाहिए।
सेना में भर्ती होने वाले अफसरों के लिए अग्निपथ और अग्निवीर जैसी स्कीम क्यों नहीं है। अगर सरकार सेना के जवानों और अफसरों में समानता की बात करती है या सोचती है तो उसे अफसरों के लिए भी अग्निपथ स्कीम लाना चाहिए।