विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जून 2025 में अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की घातक विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लंदन जाने वाली बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उड़ान (AI171) के टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को "रन" से "कटऑफ" स्थिति में ले जाया गया। इससे इंजनों को फ्यूल की सप्लाई बंद हो गई और विमान हादसे का शिकार हो गया। इस दौरान दो पायलटों की बातचीत भी सामने आई है। इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 260 लोगों की मौत हो गई, जबकि एकमात्र जीवित बचे ब्रिटिश नागरिक विश्वशकुमार रमेश थे।

दो पायलटों की बातचीत और कॉकपिट में भ्रम की स्थिति 

जांच रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, "तुमने कटऑफ क्यों किया?" जवाब में दूसरा पायलट कहता है, "मैंने ऐसा नहीं किया।" यह बातचीत स्विच के बंद होने के तुरंत बाद हुई। यह स्पष्ट नहीं है कि यह सवाल किस पायलट ने पूछा और जवाब किसने दिया। शुरुआती जांच में यह नहीं बताया गया कि स्विच कैसे बंद हुए, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये स्विच गलती से बंद नहीं हो सकते, क्योंकि इनमें लॉकिंग मैकेनिज्म और सुरक्षा उपाय होते हैं, जो इन्हें अनजाने में हिलने से रोकते हैं।

12 जून को न भूलने वाला हादसा

12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद ही विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर पर गिरा और उसके टुकड़े हो गए। विमान में 242 लोग सवार थे, जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक था। दुर्घटना में जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी जान चली गई। ब्लैक बॉक्स (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) से प्राप्त डेटा के अनुसार, टेकऑफ के तीन सेकंड बाद दोनों इंजन के ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल में "कटऑफ" स्थिति में चले गए, जिसके कारण इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया और विमान की गति और ऊंचाई तेजी से कम होने लगी। फिर वो नीचे गिर गया।
ताज़ा ख़बरें

दोनों अनुभवी पायलट थे

विमान के कमांडिंग पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल (56 वर्ष) थे, जिनके पास 30 साल का अनुभव। उन्होंने 15,638 उड़ान घंटे पूरे किए थे। इसमें भी 8,596 घंटे बोइंग 787 के अनुभव वाले थे। वह एयर इंडिया के ट्रेनर भी थे। सह-पायलट क्लाइव कुंदर (32 वर्ष) के पास 3,403 उड़ान घंटे का अनुभव था। जिसमें 1,128 घंटे ड्रीमलाइनर उड़ाने का अनुभव था। दोनों पायलट मुंबई के रहने वाले थे और उड़ान से पहले पर्याप्त आराम कर चुके थे। यानी उन पर कहीं से कोई काम का दबाव वगैरह नहीं था।

बोइंग कंपनी की प्रतिक्रिया 

बोइंग ने एक बयान में कहा कि वह भारत के विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के नेतृत्व वाली जांच में पूरा सहयोग कर रही है। इस संबंध में सभी जानकारी AAIB को देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने कहा, "हमारी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं, और हम अपने ग्राहक, एयर इंडिया, के साथ जांच में सहयोग करना जारी रखेंगे।" बोइंग ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के प्रोटोकॉल का पालन कर रही है और जांच के नतीजों के लिए भारतीय अधिकारियों पर निर्भर है। प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 या इसके जीई जनरल इलेक्ट्रिक इंजनों के लिए कोई तत्काल सिफारिश नहीं की गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि अभी तक विमान या इंजन में किसी तकनीकी खराबी का कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिला है।

तकनीकी और मानवीय वजहें कितनी जिम्मेदार 

रिपोर्ट में 2018 के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) बुलेटिन का उल्लेख है। जिसमें बोइंग 737 के फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म के संभावित डिसएंगेजमेंट की चेतावनी दी गई थी। यही स्विच डिज़ाइन बोइंग 787-8 में भी इस्तेमाल किया गया है। हालांकि, यह बुलेटिन केवल सलाह के रूप में था, और एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की थी। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों स्विच का लगभग एक साथ बंद होना असामान्य है, और यह मानवीय गलती या दुर्लभ इंजन खराबी का नतीजा हो सकता है।

पूरी रिपोर्ट एक साल बाद

AAIB ने कहा कि यह जांच अभी शुरुआती चरण में है, और अंतिम रिपोर्ट एक साल के भीतर आने की उम्मीद है। जांच में पायलटों की कार्रवाइयों, कॉकपिट प्रक्रियाओं, और संभावित तकनीकी खामियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ब्लैक बॉक्स से प्राप्त डेटा और कॉकपिट ऑडियो इस दुर्घटना के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
एयर इंडिया ने प्रारंभिक रिपोर्ट की प्राप्ति की पुष्टि की और कहा कि वह जांच में भारतीय अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है। एयरलाइन ने कहा, "हम प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता में खड़े हैं और जांच के विवरणों पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।"
देश से और खबरें
यह प्रारंभिक रिपोर्ट कई सवालों को जन्म देती है, विशेष रूप से ईंधन स्विच के बंद होने के कारणों के बारे में। हालांकि अभी तक कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला गया है, लेकिन जांच का फोकस पायलटों की कार्रवाइयों और संभावित तकनीकी खामियों पर है। यह दुर्घटना, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की पहली घातक दुर्घटना है, ने पूरी दुनिया में विमानन सुरक्षा और रखरखाव प्रोटोकॉल पर सवाल उठाए हैं।