पहलगाम आतंकी हमले से सहमे पर्यटकों को अब एअरलाइन लूट रही हैं? हमले के बाद श्रीनगर से अपने-अपने घर लौटने के लिए पर्यटकों को एअरलाइन कंपनियों से मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो फ्लाइट के आसमान छूते किराए ने उन्हें परेशान कर दिया है और दूसरे जल्द से जल्द अपने-अपने घर लौटने के लिए उन्हें फ्लाइटों में सीटें नहीं मिल पा रही हैं। हालात ऐसे हो गए कि सरकार को सलाह जारी करनी पड़ी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 'अनुरोध' और 'सुझाव' जारी कर कहा कि इसने अधिक उड़ानें संचालित करने जैसे उपाए करने के लिए कहा है। सरकार की ओर से केवल 'अनुरोध' और 'सुझाव' जारी किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार इतनी कमजोर है कि वह त्रासदी के समय मुनाफाखोरी को रोक नहीं सकती?

इस सवाल का जवाब ढूंढने और लोग इसको लेकर क्या सवाल उठा रहे हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर हमले के बाद क्या माहौल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। हमले के बाद घाटी में डर का माहौल है। हजारों पर्यटक अपनी यात्रा रद्द कर श्रीनगर से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और अन्य शहरों की ओर लौट रहे हैं। इस बढ़ी हुई मांग का फायदा उठाते हुए निजी एअरलाइन कंपनियों ने किराए को कई गुना बढ़ा दिया है, जिससे यात्रियों में ग़ुस्सा और निराशा है।

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हमले के बाद श्रीनगर हवाई अड्डे पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा चिंताओं के कारण उड़ानों की मांग अचानक बढ़ गई। इस मांग का फायदा उठाते हुए निजी एअरलाइन कंपनियों ने किराए को 3 से 5 गुना तक बढ़ा दिया। सामान्य दिनों में श्रीनगर से प्रमुख शहरों के लिए किराया 5,000 से 12,000 रुपये के बीच होता है, लेकिन 24 अप्रैल 2025 के लिए किराए में भारी उछाल देखा गया।

श्रीनगर से कोलकाता किराया

सामान्य किराया 8,000-12,000 रुपये के बजाय 20,000 से 62,000 रुपये तक बढ़ गया। 'मेक माई ट्रिप' वेबसाइट पर 23 अप्रैल को साढ़े पाँच बजे चेक किया गया तो 24 अप्रैल के लिए श्रीनगर से कोलकाता तक का किराया 62000 रुपये से ज़्यादा दिखा रहा था। 

श्रीनगर से मुंबई किराया

सामान्य किराया 7,000-10,000 रुपये के बजाय 18,000 से 46,000 रुपये तक हो गया। कुछ मामलों में, अंतिम समय की बुकिंग के लिए किराया अलग-अलग एअरलाइन का अलग-अलग दिख रहा था। 23 अप्रैल को साढ़े छह बजे लिए गए स्क्रीनशॉट में बढ़े हुए किराए को देखा जा सकता है।

नीरज राज नाम के एक एक्स यूज़र ने स्क्रीनशॉट साझा करते हुए दावा किया कि 24 अप्रैल को श्रीनगर से मुंबई तक का किराया 56 हज़ार से ज़्यादा दिखा रहा था।

श्रीनगर से दिल्ली

सामान्य एकतरफा किराया 5,000-7,000 रुपये के बजाय 16000 से ज़्यादा रुपये तक पहुंच गया। सोशल मीडियो पर कुछ लोगों ने दावा किया कि कुछ उड़ानों में किराया 30,000 रुपये तक भी बताया गया। हालाँकि, 23 अप्रैल को शाम साढ़े छह बजे लिए स्क्रीनशॉट में किराया 16000 रुपये के आसपास वेबसाइटों पर दिखा।  

सोशल मीडिया पर लोगों ने किराए में इस बढ़ोतरी को 'आपदा में अवसर' तलाशने की संज्ञा दी। सोशल मीडिया पर एक यूजर रोहित मिश्रा ने लिखा, 'पहलगाम हमले के बाद डरे हुए पर्यटकों से एअरलाइनें 3 गुना किराया वसूल रही हैं। यह शर्मनाक है।' 

एक अन्य यूजर ने श्रीनगर से कोलकाता के लिए 40,000 रुपये के किराए का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।

किराए में वृद्धि का मुख्य कारण मांग और आपूर्ति का असंतुलन बताया जा रहा है। हमले के बाद श्रीनगर से उड़ानों की संख्या सीमित होने और अचानक बढ़ी मांग के कारण एअरलाइनों ने अपनी डायनामिक प्राइसिंग नीति के तहत किराए को बढ़ा दिया। इसके अलावा, विमानन ईंधन की कीमतों में हाल की वृद्धि और परिचालन लागत को भी कुछ एअरलाइन ने कारण बताया। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि यह त्रासदी का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश है।

सरकार की प्रतिक्रिया: अनुरोध या आदेश?

पहलगाम हमले के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने एअरलाइनों से अतिरिक्त उड़ानें संचालित करने और टिकट कैंसिलेशन और रिशेड्यूलिंग फ़ीस को माफ़ करने का भी अनुरोध किया है।

सलाह में कहा गया है, 'पहलगाम में हुई घटना के बाद पर्यटकों की ओर से उनकी वापसी के लिए अभूतपूर्व मांग देखी जा रही है। इस संदर्भ में एअरलाइनों को त्वरित कार्यवाही करने और श्रीनगर से विभिन्न गंतव्यों तक निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के साथ-साथ बढ़ी हुई मांग को पूरा करने और देश में अनेक गंतव्यों तक इवैकुएशन की सुविधा देने का अनुरोध किया जाता है। एअरलाइनों से अनुरोध है कि वे इस कठिन वक़्त में कैंसिलेशन और रिशेड्यूलिंग फ़ीस को माफ़ करने पर विचार करें, क्योंकि पर्यटक अप्रत्याशित परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।'

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मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एयर इंडिया, इंडिगो, अकासा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 30 अप्रैल 2025 तक श्रीनगर से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए कैंसिलेशन और रिशेड्यूलिंग शुल्क माफ करने की घोषणा की। इसके अलावा, 24 अप्रैल को श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए चार अतिरिक्त उड़ानें संचालित करने का ऐलान किया गया। एयर इंडिया ने सुबह 11:30 बजे दिल्ली और दोपहर 12:00 बजे मुंबई के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू कीं।

हालांकि, सरकार की ओर से केवल 'अनुरोध' और 'सुझाव' जारी किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वरिष्ठ पत्रकार साकेत ने लिखा, 'क्या सरकार इतनी कमजोर है कि वह निजी एअरलाइनों को त्रासदी का फायदा उठाने देगी? ज़रूरत है एक सख्त निर्देश की, न कि अनुरोध की।' 

जानकारों का कहना है कि भारत में 1994 के एयर कॉरपोरेशन एक्ट को हटाने के बाद हवाई किराए को सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए केवल सुरक्षा मानकों की निगरानी करता है, किराए पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। वैसे, एअरलाइनें लगातार यह तर्क देती रही हैं कि किराए में वृद्धि डायनामिक प्राइसिंग का हिस्सा है, जो मांग और आपूर्ति पर आधारित है। 

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पहलगाम हमले और किराए में वृद्धि ने सरकार के सामने दोहरी चुनौती खड़ी की है। आतंकवाद से निपटने और यात्रियों की परेशानी को कम करने की। मांग की जा रही है कि सरकार को किराए पर अस्थायी कैप लगाने और अतिरिक्त उड़ानों की संख्या बढ़ाने जैसे सख़्त क़दम उठाने चाहिए। 

जम्मू-कश्मीर में स्थिति अभी तनावपूर्ण है, और पर्यटकों का पलायन जारी है। केंद्र और राज्य सरकार ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है। लेकिन किराए में वृद्धि का मुद्दा सरकार की संवेदनशीलता और प्रभावशीलता पर सवाल उठा रहा है। यात्रियों की मांग है कि सरकार केवल सुझाव देने के बजाय ठोस कार्रवाई करे, ताकि इस संकट के समय उनकी परेशानी कम हो सके।