इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनसीआरटी को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने कहा है कि स्कूल पाठ्यक्रम में जातिगत भेदभाव के खतरों पर सामग्री शामिल की जाए। एनसीईआरटी राष्ट्रीय पाठ्यपुस्तक निर्माण संस्था है। उसने जाति व्यवस्था का महिमामंडन वाली किताबें विभिन्न क्लासों के लिए छापी हैं। सबसे ताज़ा उदाहरण सातवी कक्षा की सोशल साइंस की किताब है। जिसमें जाति व्यवस्था को सही ठहराया गया है।