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पीओके के लिए नेहरूजी जिम्मेदार थे: अमित शाह

मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। शाह ने संसद में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान नेहरू की कथित ग़लतियाँ गिनाईं। जब वह देश के पहले प्रधानमंत्री की आलोचनाएँ कर रहे थे तो इसी दौरान विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। 

विपक्षी दलों के वाकआउट के बीच ही लोकसभा ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया। इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए आरक्षित की जाएगी। 

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संसद में चर्चा के दौरान ही अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की समस्या पंडित नेहरू के कारण हुई, नहीं तो वह हिस्सा कश्मीर का होता। गृहमंत्री ने कहा कि पीओके के लिए नेहरूजी जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा, 'नेहरू जी ने कहा था कि यह उनकी ग़लती थी। यह कोई ग़लती नहीं थी। इस देश की इतनी सारी जमीन खोना एक बड़ी भूल थी।'

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को नेहरू की दो भूलों- युद्धविराम की घोषणा करना और कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना- के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। शाह ने कहा, 'पहली और सबसे बड़ी गलती- जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और पीओके का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता। दूसरा, हमारे आंतरिक मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना है।' 

शाह ने यह भी कहा, 'पीओके हमारा है'। उन्होंने कहा कि वहां के लिए 24 सीटें आरक्षित हैं। शाह ने कहा, 'पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं। पहले कश्मीर में 46 थीं, अब 47 हैं और पीओके में 24 सीटें आरक्षित हैं क्योंकि पीओके हमारा है।'

कश्मीर पर सवाल पूछने वाले लोगों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, 'जो लोग कहते थे कि जम्मू कश्मीर में क्या हुआ? आप तो मूल से ही कटे हो, मूल के साथ संपर्क ही नहीं है, तो कैसे मालूम ​होगा कि जम्मू कश्मीर में बदलाव क्या हुआ। इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर जम्मू कश्मीर में बदलाव नहीं मालूम पड़ेगा।'

जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक को लेकर गृहमंत्री ने कहा, 'कुछ लोग पूछ रहे थे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से क्या होगा? कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी और अगर फिर विस्थापन की स्थिति आएगी तो वो उसे रोकेंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'पिछड़ा वर्ग की जब जब बात आएगी, कांग्रेस कभी सहयोग नहीं करेगी वह छोड़कर चली जाएगी। मुझे विश्वास था कि पिछड़ा वर्ग को सम्मान देने की बात पर कांग्रेस वोट दे ही नहीं सकती। वोट देने की न उन्हें परमिशन है और न ही उनकी इच्छा है, इसलिए वो चले गए।'

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उन्होंने कहा, 'जब ये (कश्मीरी) विस्थापित हुए, तो अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बनना पड़ा। आज के आंकड़ों के मुताबिक, 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए और इस प्रकार से विस्थापित हुए कि उनकी जड़ें अपने देश और प्रदेश से उखड़ गईं। ये बिल उनको अधिकार देने का है, उनको प्रतिनिधित्व देने का है।'

गृहमंत्री ने कहा, '1994 से 2004 के दौरान आतंकवाद की कुल घटनाएं 40,164 हुईं। 2004-14 सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं 7,217 हुईं। 2014 से 2023 श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं सिर्फ 2,000 हुईं, 70% की कमी आई है।' 

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क़मर वहीद नक़वी
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