इतिहास को बदलने की बात बीजेपी ने फिर से दोहराई है। इस बार यह बात ख़ुद गृह मंत्री अमित शाह ने कही है। उन्होंने कहा कि इतिहास को भारत के दृष्टिकोण से लिखे जाने की ज़रूरत है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि यदि वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 में आज़ादी की पहली लड़ाई को सिर्फ़ एक विद्रोह माना गया होता।