क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब देश में भविष्य में कोई बड़ा आंदोलन नहीं होने देना चाहते हैं? उन्होंने 1974 के ऐतिहासिक जेपी आंदोलन से लेकर आज तक के सभी प्रमुख विरोध प्रदर्शनों का गहन अध्ययन करने का आदेश दिया है। इसका मक़सद है भविष्य में ऐसे आंदोलनों को रोकना, जो देश की स्थिरता को चुनौती दे सकते हैं। आखिर इस अध्ययन से अमित शाह क्या हासिल करना चाहते हैं?
अमित शाह ने 1974 के बाद आंदोलनों पर शोध का आदेश क्यों दिया? भविष्य की तैयारी!
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- 15 Sep, 2025
गृहमंत्री अमित शाह ने आज़ादी के बाद हुए आंदोलनों पर शोध का आदेश दिया है। क्या इसका मतलब है कि अब बड़े आंदोलन नहीं हो पाएंगे? इसके पीछे की राजनीति और असर जानें।

द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट दी है कि अमित शाह ने भविष्य में 'स्वार्थी ताक़तों' के बड़े पैमाने पर आंदोलनों को रोकने के लिए एक बड़ा क़दम उठाया है। उन्होंने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो यानी बीपीआरएंडडी को निर्देश दिया है कि स्वतंत्र भारत के सभी प्रमुख विरोध प्रदर्शनों का गहन अध्ययन किया जाए, खासकर 1974 के बाद के। इस अध्ययन से एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया यानी एसओपी तैयार की जाएगी, जो पुलिस को ऐसे आंदोलनों को पहले से पहचानने और रोकने में मदद करेगी। यह निर्देश जुलाई में इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित 'राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियां सम्मेलन-2025' में दिए गए थे।