loader
प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्र ने अध्यादेश से दिल्ली सरकार को लगभग खत्म कर दिया है : केजरीवाल 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा है कि केंद्र सरकार ने नए अध्यादेश के जरिए ना सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले फैसले को पलट दिया है बल्कि दिल्ली की सरकार को लगभग खत्म कर दिया है। 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस अध्यादेश में एक प्रावधान है कि अब दिल्ली सरकार के आयोग और बोर्ड का गठन केंद्र सरकार करेगी।उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा है तो फिर चुनाव क्यों करवाते हो? 

वे दिल्ली में सीपीआई महासचिव डी राजा से मुलाकात के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। वह केंद्र के द्वारा लाए गए दिल्ली सरकार से संबंधित नए अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगने पहुंचे थे। डी राजा ने राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करने और दिल्ली सरकार को समर्थन का भरोसा दिलाया है। दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को इसकी जानकारी दी। 

ताजा ख़बरें

सीबीआई और ईडी का नाम बीजेपी सेना रख देना चाहिए 

केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई और ईडी का नाम बदल कर अब बीजेपी सेना रख देना चाहिए। सीबीआई और ईडी सिर्फ गैर भाजपा सरकार के मंत्रियों के यहां छापा मारती हैं। 

उन्होंने कहा कि बीजेपी को अगर लगता है कि तमिलनाडु में मंत्रियों के पीछे सीबीआई और ईडी को छोड़कर उनकी सीट आ जाएंगी, तो भूल जाएं। तमिलनाडु में बीजेपी की एक भी सीट नहीं आने वाली है‌। 

दिल्ली को पिछले दरवाजे से चलाना चाहती है भाजपा

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने भाजपा को 3 बार बुरी तरह से हराया है। एक बार 70 में से 3 सीट दी तो अगली बार 8 सीट दी। एमसीडी में भी बीजेपी को हराया है। ये चुनाव में जीत नहीं सकते तो दिल्ली को पिछले दरवाजे से चलाना चाहते हैं।

देश से और खबरें

अध्यादेश से केंद्र ने सचिव को मंत्री उपर बैठा दिया 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली में सभी सचिव को सुप्रीम कोर्ट का जज 

बना दिया है। अध्यादेश में लिखा है कि सचिव को मंत्री का आदेश गलत लगता है तो वे मंत्री का आदेश मानने से मना कर सकता है। उन्होंने कहा कि विजलेंस सचिव को सौरभ भारद्वाज ने आदेश दिया था लेकिन उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली सरकार के प्रति जवाबदेह नहीं हूं। अब हर सचिव अपने तरीके से काम कर रहा है। इस अध्यादेश के जरिए मुख्य सचिव को यह अधिकार दे दिया गया है कि वह कैबिनेट के फैसले को पलट सकता है। भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि मंत्री के उपर सचिव को बैठा दिया गया हो। अब दिल्ली में यह हो रहा है। 

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में डी राजा ने कहा कि हम केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध करते हैं। जब भी अध्यादेश संसद में आएगा तब हम इसका विरोध करेंगे। केंद्र सरकार राज्यों को परेशान कर रही है। देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने की जरूरत है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें