राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार भले ही किसी भी क़ीमत पर नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने पर आमादा हो और विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हो लेकिन एनडीए में सबसे बड़े दल बीजेपी को अपनी पार्टी के नेताओं की बात तो सुननी ही चाहिए। उसे इस ओर भी देखना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी की असम के लोगों को इस विधेयक से नहीं डरने की अपील के बावजूद वहां जोरदार प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं। आख़िर क्यों त्रिपुरा और मेघालय में लोग सड़क पर हैं और क्यों वहां इंटरनेट बंद करने की नौबत आई है। लेकिन इस सबसे पहले बीजेपी अपनी पार्टी के नेताओं की बात तो सुने। नागरिकता संशोधन विधेयक के मुद्दे पर असम के बीजेपी नेता और अभिनेता जतिन बोरा के पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने इस विधेयक को विभाजनकारी बताया है।
असम बीजेपी में बवाल; स्पीकर ने नागरिकता क़ानून को बताया बाँटने वाला
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- 13 Dec, 2019
असम के बीजेपी नेता और अभिनेता जतिन बोरा के पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने इस विधेयक को विभाजनकारी बताया है।
