क्या काले धन पर पाँच साल में नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी का रुख़ बदल गया है? 2014 के चुनाव से पहले काला धन विदेश से वापस लाने और फिर हर भारतीय के खाते में 15 लाख डालने का ढिंढोरा पीटने वाली बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने अब काले धन की जानकारी देने से इनकार कर दिया है। सरकार ने इसके लिए गोपनीयता का हवाला दिया है। आरटीआई के तहत पूछे गये सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा कि स्विट्ज़रलैंड ने काला धन मामले पर जो सूचना दी है, वह गोपनीयता प्रावधान के अंतर्गत आती है। सरकार के इस जवाब से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या काला धन के मोर्चे पर मोदी सरकार पूरी तरह फ़ेल रही?