बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने 67 वें जन्मदिन पर मीडिया को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि 2023 में होने वाले कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी। काँग्रेस या अन्य किसी राजनीतिक दल के साथ उनकी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी। यह ऐलान करते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि  कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल अफवाह फैला रहे हैं कि बसपा विपक्षी गठबंधन में शामिल होगी। इसको खारिज करते हुए मायावती ने कहा कि बीएसपी ने कांग्रेस और सपा सहित कई राजनीतिक दलों के साथ समय-समय पर गठबंधन किए। लेकिन पंजाब को छोड़कर उन्हें किसी सहयोगी दल (खासकर सपा और कांग्रेस) का वोट नहीं मिला। जबकि उनका वोट बैंक कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक दलों को प्राप्त हुआ। अतः गठबंधन से बीएसपी को राजनीतिक नुकसान हुआ है। इसीलिए बीएसपी अकेले दम पर आगामी चुनाव लड़ेगी। आखिर मायावती के इस ऐलान के राजनीतिक मायने क्या हैं?