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बजट 2022ः कौन जीता-कौन हारा, समझिए पूरी रामकहानी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का बजट 2022 विनाशकारी दूसरी कोविड लहर के बाद आया है। ऐसी कोविड लहर जिसने भारत की पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया। जिसने छोटे कारोबारियों को पंगु बना दिया। देश के हर क्षेत्र में कोरोना का असर आज भी दिख रहा है। उम्मीद थी कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे छोटे कारोबारियों पर रहमत बरसाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में इस महीने के अंत में चुनाव हैं, उम्मीद थी कि बजट बेरोजगारी की समस्या को हल्का करने में मदद करेगा। लेकिन कभी एक करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली बीजेपी पार्टी की सरकार 60 लाख रोजगार देने के वादे पर आ गई। देश में आम चुनाव 2024 में है। यह बजट मोदी की लोकप्रियता को ऊपर या नीचे ले जाने में एक बैरोमीटर साबित हो सकता है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को जो बजट पेश किया, जिसमें एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विकास को गति देने के लिए ढांचागत विकास पर बड़ी धनराशि खर्च करने की बात कही गई। सीतारमण ने विकास योजनाओं का समर्थन करने के लिए अर्थव्यवस्था के वार्षिक खर्च के आकार को बढ़ाकर ₹39.5 लाख करोड़ ($529 बिलियन) करने का प्रस्ताव रखा।

बजट घोषणाओं के मद्देनजर विजेताओं की सूची इस तरह है- 

इलेक्ट्रिक व्हीकल बैट्री निर्माता स्वच्छ परिवहन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए भारत की महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करने की योजना के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है। बैट्री निर्माताओं को सीतारमण द्वारा घोषित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई स्वैपिंग नीति से लाभ होगा। देश के बड़े बैट्री निर्माताओं में एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अमारा राजा बैट्रीज को फायदा होगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र

दूरस्थ सड़कों में निवेश की योजना, शहरों में बड़े पैमाने पर परिवहन और तीन वर्षों में 400 नई "वंदे भारत" ट्रेनों से लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, केएनआर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, आईआरबी इंफ्रा लिमिटेड, कंटेनर सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा खड़ा करने वाले खिलाड़ियों को लाभ होगा। इसमें शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, ऑल कार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन भी शामिल है।

मेटल इंडस्ट्री

 3 करोड़ 80 लाख घरों में पाइप से पानी के लिए सरकार के 600 बिलियन रुपये के आवंटन और रसद पर खर्च से भारत के धातु उत्पादकों को लाभ होगा। जिसमें वेदांता लिमिटेड, टाटा स्टील लिमिटेड और जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड शामिल हैं। पाइपमेकर जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड, केएसबी लिमिटेड, किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड को भी फायदा हो सकता है। 
सोलर सेल लोकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सोलर मॉड्यूल के लिए 19,500 करोड़ रुपये के आवंटन से जुड़े प्रोत्साहन टाटा पावर लिमिटेड, सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड, अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड सहित प्रमुख सोलर पैनल निर्माताओं को फायदा होगा

सीमेंट और निर्माण क्षेत्र

शहरों में कम आय वाले लोगों के लिए और अधिक घर बनाने की सरकार की योजना का मतलब सीमेंट और निर्माण प्रमुख अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड, बिड़ला कॉर्प और एसीसी लिमिटेड के लिए अधिक फलदायी होगा।

दूरसंचार, डेटा केंद्र

2022 में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामियों से टेल्को क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और बुनियादी ढांचे के खर्च के रूप में डेटा स्टोरेज के वर्गीकरण से भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, एचएफसीएल लिमिटेड सहित कई कंपनियों को लाभ होगा। जिसमें तेजस नेटवर्क्स लिमिटेड, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड भी शामिल हैं।

डिजिटल फाइनैंस भारत में डिजिटल वित्तीय सेवा प्रदाताओं को मंगलवार के बजट के बाद ऐसी सेवाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के बाद लाभ मिलना तय है। इनमें पॉलिसी बाजार, पीबी फिनटेक लिमिटेड, पेटीएम, ईक्लर्क्स सर्विसेज लिमिटेड और पैसालो डिजिटल लिमिटेड शामिल हैं, जो अपने ऐप के माध्यम से छोटे ऋण प्रदान करते हैं।
सरकारी बैंक भारत एक डिजिटल मुद्रा शुरू करने की योजना बना रहा है। देश में पारंपरिक बैंकिंग के नियम बदल रहे हैं। आभासी वित्तीय साधनों की ओर ग्लोबल व्यवस्था से तालमेल के लिए यह जरूरी है। इस कदम से भारत के पुराने ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक प्रभावित होंगे। दूसरी तरफ तमाम प्राइवेट बैंक पहले से ही डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर चुके हैं। उन्हें इसका सीधा फायदा होगा, उनका कारोबार बढ़ेगा।

डिफेंस निर्माता कंपनियांरक्षा उपकरणों का निर्माण करने वाली कंपनियां वार्षिक बजट में स्थानीय कंपनियों के लिए सेक्टर कैपेक्स का 68% रखने की सीतारमण की योजना से लाभ उठाती दिख रही हैं। लाभ पाने वालों में लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड और पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड शामिल हैं। ड्रोन स्टार्ट अप जो लाभान्वित हो सकते हैं उनमें ज़ीउस न्यूमेरिक्स, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और बॉटलैब डायनेमिक्स शामिल हैं।

क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल एसेट्स के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी कर लगाने का निर्णय क्रिप्टो में लेनदेन करने वालों को नुकसान पहुंचाएगा। हालांकि अब लोग क्रिप्टो करेंसी में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। हालांकि सरकार ने किसी भी तरह की क्रिप्टो करेंसी को मान्यता नहीं दी है। लेकिन देश में इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है। सरकार का नया टैक्स नियम क्रिप्टो एक्सचेंजों को भी प्रभावित करेगा।

कोयला और थर्मल पावर

देश में सोलर एनर्जी को भारी प्रोत्साहन मिलने जा रहा है। कोयले पर भरोसा कम होने पर थर्मल पावर प्लांट में बायोमास पेलेट का उपयोग करने की योजना बनाने वाली कंपनियां प्रभावित होंगी। इनमें कोल इंडिया लिमिटेड सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी, अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड शामिल हैं। ये कंपनियां आयातित कोयले की आपूर्तिकर्ता हैं।

स्टेनलेस स्टील भारत ने मेटल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए स्टेनलेस स्टील, स्टील फ्लैट उत्पादों, मिश्र धातु इस्पात की सलाखों और उच्च गति वाले स्टील पर कुछ एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग को रद्द करने की योजना बनाई है। इससे सबसे बड़े उत्पादक जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड और टाटा मेटालिक्स लिमिटेड प्रभावित होने की उम्मीद है।

कार निर्माता कंपनियां

इस बजट में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर सरकार का बहुत कम ध्यान गया है। बीएसई ऑटो इंडेक्स ने मंगलवार को सबसे खराब प्रदर्शन किया। इन कंपनियों में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, टाटा मोटर्स लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड शामिल हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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