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कोरोना: अप्रैल में छुट्टी के दिन भी वैक्सीन लगाई जाएगी

तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अप्रैल महीने में छुट्टी के दिन भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दी जाए और इसकी व्यवस्था की जाए। सरकार का यह फ़ैसला उस दिन आया है जब देश में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत हुई है। इस चरण में 45 साल से ज़्यादा उम्र के सभी लोगों को अब टीका लागाया जा रहा है। 

केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में पत्र राज्यों और केंद्र शासति प्रदेशों को भेजा है। इस पत्र में उन्हें कहा है कि वे अप्रैल महीने में सभी दिन कोरोना टीकाकरण के लिए आवश्यक रूप से व्यवस्था करें। इसका साफ़ मतलब यह है कि इस महीने सरकारी छुट्टियों के दिन भी टीका लगवाया जा सकता है।

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कहा गया है कि यह क़दम 31 मार्च को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद उठाया गया है। इसका उद्देश्य टीकाकरण की गति और कवरेज में तेज़ी से वृद्धि सुनिश्चित करना है और इसके लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सभी कोरोना टीकाकरण केंद्रों का बेहतर उपयोग करना है।

सरकार का यह फ़ैसला ऐसे समय पर आया है जब देश में संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से फैल रहे हैं। 

देश में बुधवार को एक दिन में 72 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं। इससे 13 दिन पहले एक दिन में क़रीब 35 हज़ार संक्रमण के मामले आए थे। यानी 13 दिन में ही संक्रमण के मामले दोगुने से ज़्यादा हो गए। पिछले साल जब पहली लहर थी तब संक्रमण के मामले 35 हज़ार से दोगुना बढ़कर 72 हज़ार पहुँचने में 41 दिन लगे थे। इसका मतलब साफ़ है कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण में तेज़ी पहली लहर की अपेक्षा तीन गुनी से भी ज़्यादा है। 

कोरोना संक्रमण के मामलों में एक दिन में जबरदस्त उछाल आया और संक्रमण का यह आँकड़ा 72,330 तक जा पहुँचा है। यह बीते साल 11 अक्टूबर के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

11 अक्टूबर को कोरोना के 74,383 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। भारत में अब तक कुल 1,22,21,665 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,62,927 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटों में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है और 459 लोगों की मौत हुई है।

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बता दें कि कोरोना के ख़िलाफ़ टीकाकरण का पहला चरण 16 जनवरी को शुरू किया गया था। उस चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया। दूसरा चरण एक मार्च को शुरू किया गया था और इसमें 60 साल से ज़्यादा उम्र के सभी लोगों और 45 वर्ष से ज़्यादा के उम्र के उन लोगों को टीका लगाया जा रहा था जो कोमोर्बिडिटीज वाले थे यानी जो कई बीमारियों से ग्रसित थे। 
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क़मर वहीद नक़वी
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