छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में दो ननों की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ बीजेपी और केरल बीजेपी ही आमने-सामने हैं। केरल बीजेपी और कैथोलिक चर्च ने इसे अल्पसंख्यकों पर हमला बताया है, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्रवाई को जायज ठहराया है। इधर, ननों के पास से बरामद लड़की के बयान ने बजरंग दल की भूमिका पर बड़े सवाल कर दिए हैं।
ननों की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़, केरल बीजेपी में ही घमासान; बजरंग दल का नाम क्यों उछला?
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- 31 Jul, 2025
छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी ने केरल और छत्तीसगढ़ बीजेपी के भीतर ही तनाव खड़ा कर दिया है? जानें बरामद लड़कियों ने बजरंग दल की भूमिका पर कैसे सवाल खड़ा कर दिया।

ननों की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़, केरल बीजेपी में ही घमासान
ननों पर क्यों हुई कार्रवाई?
25 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के एक स्थानीय कार्यकर्ता की शिकायत पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने केरल की दो ननों, सिस्टर वंदना व सिस्टर प्रीति और एक अन्य व्यक्ति सुकमन मंडावी को गिरफ्तार किया। आरोप है कि ये लोग नारायणपुर की तीन आदिवासी लड़कियों को नर्सिंग प्रशिक्षण और नौकरी का लालच देकर आगरा के फातिमा अस्पताल ले जा रहे थे। आरोप यह भी है कि इसके पीछे जबरन धर्मांतरण और मानव तस्करी का इरादा था। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 143 याी मानव तस्करी और छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। गिरफ्तार नन और अन्य आरोपी वर्तमान में दुर्ग केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं और उनकी जमानत याचिका सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी है। अब यह मामला बिलासपुर की एनआईए अदालत में सुना जाएगा।