सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बवाल हो गया। अदालत में ही एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमला कर दिया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी वकील ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सीजेआई पर जूता फेंका। हालाँकि, लाइव लॉ और बार एंड बेंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेंकने की कोशिश की गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि वहाँ मौजूद वकीलों ने बताया कि आरोपी व्यक्ति ने जोर-जोर से चिल्लाया, 'सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान!'। इस घटना ने न्यायिक प्रक्रिया को कुछ देर के लिए बाधित कर दिया। यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में अभूतपूर्व घटना है। आज तक ऐसी घटना कभी नहीं घटी।

घटना सोमवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायालय कक्ष संख्या 1 में घटी। जस्टिस बी आर गवई की अगुवाई वाली बेंच एक संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े कुछ विवादास्पद बिंदु शामिल थे। सुनवाई के दौरान अचानक एक व्यक्ति अपनी सीट से खड़ा हो गया और कोर्ट की ओर एक चीज फेंकी।
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पुलिस के अनुसार यह घटना सुबह करीब 11:35 बजे कोर्ट नंबर 1 में सुनवाई के दौरान हुई। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी वकील की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है, जो मयूर विहार क्षेत्र के निवासी हैं और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पंजीकृत सदस्य हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'राकेश किशोर ने अपने स्पोर्ट्स जूते निकाले और मुख्य न्यायाधीश गवई की ओर फेंके। तुरंत ही सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा इकाई को सौंप दिया।'

शुरुआती जाँच में क्या सामने आया?

सुप्रीम कोर्ट में उस समय सुनवाई चल रही थी, जब यह घटना घटी। प्रत्यक्षदर्शी वकील ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वकील की पोशाक में एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश की ओर कुछ फेंका। बाद में सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि वह एक जूता था। वकील ने यह भी कहा कि जब आरोपी को कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था, तब वह कुछ नारे लगा रहा था। रिपोर्टों के अनुसार, राकेश किशोर ने कोर्ट से बाहर ले जाए जाते समय कहा, 'सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।'

इस घटना के बावजूद मुख्य न्यायाधीश गवई ने शांति बनाए रखी और वकीलों को सुनवाई जारी रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'इन सब बातों से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।'

घटना की वजह क्या?

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि राकेश किशोर मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की बहाली से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई की टिप्पणियों से नाराज थे। यह याचिका 16 सितंबर को खजुराहो के जावरी मंदिर में 7 फीट ऊंची भगवान विष्णु की जीर्ण-शीर्ण मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर दायर की गई थी।

उस सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था, 'यह पूरी तरह से प्रचार के लिए दायर याचिका है... जाइए और स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए। अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हैं, तो प्रार्थना करें और ध्यान करें।' बाद में मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और साफ़ किया कि उनकी टिप्पणी इस संदर्भ में थी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इसके रखरखाव का अधिकार क्षेत्र है।
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यह घटना सुप्रीम कोर्ट जैसे सम्मानित संस्थान में अभूतपूर्व है और इसने कई सवाल खड़े किए हैं। राकेश किशोर की इस हरकत के पीछे उनकी नाराजगी का कारण उनकी धार्मिक भावनाओं से जुड़ा लगता है, लेकिन इसका यह मतलब क़तई नहीं है कि कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने की इजाजत दी जा सकती है। दिल्ली पुलिस और सुप्रीम कोर्ट प्रशासन इस मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था और कोर्ट की कार्यवाही के दौरान भावनात्मक उत्तेजना से निपटने के तरीकों पर चर्चा को जन्म दिया है। जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी, इस मामले में और भी तथ्य सामने आने की उम्मीद है।