कांग्रेस ने नौसेना कैप्टन के बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इंडियन एयरफोर्स को हुए नुकसान को छिपाया गया। हमारी एयरफोर्स ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाकू विमानों को खोया। पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को विश्वास में लेने के लिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने से "इनकार" क्यों किया और संसद के विशेष सत्र की मांग को क्यों खारिज किया गया।

क्यों उठा है यह विवाद 

इंडोनेशिया में भारत के रक्षा अताशे ने जकार्ता में एक सेमिनार में कहा कि पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए सैन्य टकराव के पहले दिन भारत को कुछ लड़ाकू विमान गंवाने पड़े। क्योंकि सरकार ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने पर शुरुआती प्रतिबंध लगा दिए थे। आदेश दिया गया था कि सिर्फ उस देश में आतंकवादी ढांचे पर हमला किया जाए।
10 जून के जकार्ता कार्यक्रम में जो बातें कही गईं, वो अब तक सामने नहीं आई थीं। सेमिनार में एक इंडोनेशियाई एयरोस्पेस विशेषज्ञ ने दावा किया कि भारतीय वायु सेना ने पांच लड़ाकू जेट खो दिए - जिनमें तीन राफेल, एक मिग -29 और एक सुखोई -30 शामिल थे। इस पर भारत के रक्षा अताशे ने उसका जवाब देते हुए कहा था कि इंडियन एयरफोर्स को सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को टारगेट करने को कहा गया था।
नौसेना अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कहा था, "मैं उनसे सहमत नहीं हो सकता कि भारत ने इतने सारे विमान खो दिए। लेकिन मैं इस बात से सहमत हूं कि हमने कुछ विमान खो दिए और ऐसा केवल राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों और उनकी हवाई सुरक्षा पर हमला न करने के लिए दिए गए प्रतिबंध के कारण हुआ।" नौसेना का कैप्टन सेना में कर्नल के बराबर होता है।
ताज़ा ख़बरें

इंडोनेशिया के एक्सपर्ट का दावा

सेमिनार में इंडोनेशिया सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के उपाध्यक्ष टॉमी टैमटोमो ने दावा किया कि भारत ने तीन राफेल लड़ाकू विमान इसलिए खो दिए क्योंकि "AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) के डिस्कनेक्ट होने के कारण कमज़ोरियाँ सामने आई थीं।" सेमिनार में उन्होंने कहा, "भारत ने बहुत कुछ खोया, लेकिन पाकिस्तान ने भी बहुत कुछ खोया। शायद भारत से भी ज़्यादा।" टैमटोमो ने कहा कि पाकिस्तान के हवाई नुकसान में छह लड़ाकू विमान, दो AWACS विमान और एक सैन्य परिवहन विमान शामिल हैं। उसके बाद कैप्टन शिव कुमार ने उनका जवाब दिया था।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कैप्टन शिव कुमार की टिप्पणी पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि, जकार्ता में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि कैप्टन शिवकुमार के बयान को “संदर्भ से हटकर” कोट किया गया है।
भारतीय दूतावास ने कहा- “..मीडिया रिपोर्ट वक्ता (कैप्टन शिव कुमार) के बयान से अलग हटकर पेश की गई है और गलत ढंग से पेश की गई है। सेमिनार में यह बताया गया था कि भारतीय सशस्त्र बल हमारे पड़ोस के कुछ अन्य देशों के उलट नागरिक राजनीतिक नेतृत्व के तहत काम करते हैं। यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था। भारतीय प्रतिक्रिया उग्र नहीं थी।”

कांग्रेस का हमला 

कांग्रेस के महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें इंडोनेशिया में हाल ही में एक सेमिनार में भारतीय नौसेना के कैप्टन शिव कुमार के हवाले से कहा गया था कि भारतीय वायुसेना ने 7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के दौरान लड़ाकू विमानों को खोया। 
जयराम रमेश ने अपनी पोस्ट में कहा, "पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने सिंगापुर में महत्वपूर्ण खुलासे किए। फिर इंडोनेशिया से एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने इसे दोहराया। लेकिन प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने और विपक्ष को विश्वास में लेने से क्यों इनकार कर रहे हैं? संसद के विशेष सत्र की मांग को क्यों ठुकराया गया है?"

इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने "शुरुआत से ही राष्ट्र को गुमराह किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विमान के नुकसान को बताने में विफल रही।" उन्होंने एक्स पर कहा, "6/7 मई को हवाई युद्ध में नुकसान के बारे में डीजी एयर ऑप्स (एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती) ने ब्रीफिंग में अप्रत्यक्ष रूप से संकेत दिए थे, जब उन्होंने कहा था - 'हम युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान युद्ध का हिस्सा हैं।'"

खेड़ा ने आगे कहा, "फिर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में हमारे हवाई नुकसान की पहली आधिकारिक स्वीकारोक्ति की। और अब, कैप्टन शिव कुमार के एक और चौंकाने वाले खुलासे में सामने आया है कि भारतीय वायुसेना ने 7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के दौरान 'राजनीतिक नेतृत्व द्वारा दी गई बाध्यता के कारण' लड़ाकू विमानों को खोया।"
खेड़ा ने आरोप लगाया, "यह मोदी सरकार, विशेष रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ सीधा आरोप है। कोई आश्चर्य नहीं कि वे संसद के विशेष सत्र की हमारी मांग से बच रहे हैं। वे जानते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और उन्हें डर है कि कांग्रेस पार्टी देश के सामने ये सब उजागर करेगी।"
बता दें कि भारत ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
देश से और खबरें
इससे पाकिस्तान के साथ चार दिनों तक सैन्य टकराव हुआ। जिसमें लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, ड्रोनों, लंबी दूरी के हथियारों और भारी तोपों का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति एक दर्जन से ज्यादा बार यह बता चुके हैं कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध उन्होंने रुकवाया है। अन्यथा वो परमाणु युद्ध में बदल जाता, क्योंकि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं। हालांकि भारत ने ट्रंप के बयान का कई बार खंडन भी किया।
भारत सरकार ने इसके बाद तमाम देशों में भारतीय सांसदों को देश का पक्ष रखने और पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से मात देने के लिए भेजा। इन सांसदों ने अमेरिका सहित कई देशों में वहां के सांसदों, अधिकारियों के सामने भारत का पक्ष रखते हुए साफ किया कि किस तरह पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण दे रहा है। पहलगाम हमला भी पाकिस्तान की आतंकी नीतियों को बढ़ावा देने की वजह था। पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तान में प्रशिक्षित किए गए थे।