सोनिया गांधी ने ग़ज़ा में इसराइल के सैन्य अभियानों को 'नरसंहार' करार दिया और और इस पर चुप्पी साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मोदी सरकार की ग़ज़ा संकट पर चुप्पी को 'मानवता के खिलाफ अपमान' और 'भारत के संवैधानिक मूल्यों के साथ कायरतापूर्ण विश्वासघात' बताया। ‘गजा संकट पर मूकदर्शक मोदी सरकार’ शीर्षक से दैनिक जागरण में प्रकाशित अपने लेख में सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से भारत की ऐतिहासिक विरासत के अनुरूप 'स्पष्ट, साहसिक और निष्पक्ष' ढंग से बोलने की अपील की है।
ग़ज़ा में नरसंहार पर पीएम की ‘शर्मनाक चुप्पी, अत्याचारों के खिलाफ बोलें: सोनिया
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- 29 Jul, 2025
ग़ज़ा में जारी हिंसा और मानवाधिकार हनन पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सरकार से अत्याचारों के खिलाफ स्पष्ट स्टैंड लेने की मांग की। जानें पूरा मामला।

सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा कि ग़ज़ा में इसराइल के सैन्य अभियानों ने पिछले क़रीब दो वर्षों में 55,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की जान ले ली है, जिनमें 17,000 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में अधिकांश आवासीय इमारतें, अस्पतालों सहित, निरंतर हवाई बमबारी से ध्वस्त हो चुकी हैं, जिसके कारण सामाजिक ताना-बाना पूरी तरह से चरमरा गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवीय सहायता को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की 'घृणित रणनीति' ने ग़ज़ा के लोगों को भूख, बीमारी और अभाव के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।