सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को उनके चीन से जुड़े बयानों पर फटकार लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से 'हर देशभक्त भारतीय' ने चीन के अतिक्रमण और सीमा पर तनाव को लेकर जवाब मांगा है, लेकिन मोदी सरकार ने अपनी DDLJ यानी 'डिनायल, डिस्ट्रैक्ट, लाई, जस्टिफाई' नीति के तहत सच्चाई को छिपाने और भटकाने का काम किया है। पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने 1962 के बाद भारत को सबसे बड़े क्षेत्रीय नुकसान का सामना करने के लिए मजबूर किया और आर्थिक हितों और कायरता के कारण चीन के साथ सामान्यीकरण की नीति अपनाई।
'हर देशभक्त ने चीन पर जवाब मांगा है': SC की फटकार के बाद कांग्रेस के 8 बड़े सवाल
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- 4 Aug, 2025
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने कहा कि चीन पर जवाब मांगना हर देशभक्त भारतीय का अधिकार है। क्या विपक्ष को सवाल पूछने की सज़ा दी जा रही है? जानिए इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी को उनके 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए बयानों के लिए कड़ी फटकार लगाई। राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिक भारतीय जवानों को 'पीट रहे हैं'। इसके अलावा, उन्होंने 2020 के गलवान संघर्ष का ज़िक्र करते हुए कहा था कि 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और सरकार ने 'जमीन को आत्मसमर्पण' कर दिया। इन बयानों को लेकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक विशेष अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था, जिसे बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन यानी बीआरओ के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने दायर किया था। इसके ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में दायर राहुल की याचिका खारिज कर दी गई थी।