भ्रष्टाचार की शिकायतों की सुनवाई करने वाले लोकपाल ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा सहित अन्य शिकायतकर्ताओं को अगले महीने "मौखिक सुनवाई" के लिए बुलाया है। जिसमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में माधबी पर लगे आरोप भी हैं। इससे पहले लोकपाल ने 8 नवंबर को लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा और दो अन्य द्वारा दायर शिकायतों पर बुच से "स्पष्टीकरण" मांगा था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया था कि यह हितों के टकराव का मसला है। सेबी प्रमुख और उनके पति की कंपनी की सेवाएं अडानी समूह ले रहा है। भारत के लोकपाल इस समय जस्टिस एएम खानविलकर हैं, जो कई चर्चित और विवादित फैसलों के लिए जाने जाते हैं।
लोकपाल ने बुच को तलब किया, लेकिन मौखिक सुनवाई क्यों?
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- 25 Dec, 2024
लोकपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरीं सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और शिकायतकर्ताओं को बुलाया है। लेकिन यह सुनवाई मौखिक होगी। लोकपाल ने पहले कहा था कि महुआ मोइत्रा की शिकायतों में कमियां हैं। इसलिए जांच आगे नहीं बढ़ सकती। लेकिन अब लोकपाल का दिल थोड़ा पसीजा है और वे आरोपों की मौखिक सुनवाई करेंगे। यानी लिखित में कुछ भी नहीं, रेकॉर्ड में कुछ भी नहीं। यह आज का मोदी राज है, जिसमें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की सुनवाई मौखिक हो जा रही है।

सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच