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केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान नहीं रहे

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान का दिल्ली में निधन हो गया। उन्हें दिल की बीमारी थी, कुछ दिनों से वह अस्पताल में भर्ती थे, उनका ऑपरेशन भी हुआ था। उनके बेटे चिराग पासवान ने उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी है।
चिराग पासवान ने 4 अक्टूबर को ट्वीट कर अपने पिता के दिल के ऑपरेशन की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, 

'पिछले कई दिनों से पापा का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कल शाम अचानक उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह से देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा। ज़रूरत पड़ने पर संभवतः कुछ हफ्तों बाद एक और ऑपरेशन करना पड़े। संकट की इस घड़ी में मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े होने के लिए आप सभी का धन्यवाद।'


चिराग पासवान, राम विलास पासवान के पुत्र

पासवान का जन्म 1946 में बिहार के खगड़िया ज़िले के शहरबन्नी गाँव में हुआ था। ग़रीब और पिछड़े इलाक़े के दलित परिवार में जन्मे राम विलास पासवान ने 1977 के लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से कांग्रेस के निकटतम उम्मीदवार को हरा कर सनसनी मचा दी थी। 

उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वे उसके बाद लगातार चुनाव जीतते रहे, संसद पहुँचते रहे और कई बार केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। 
पासवान ने लोकसभा का चुनाव 8 बार जीता। पहली बार 1977 में हाजीपुर से चुनाव जीतने के बाद वे लगातार 5 बार उसी सीट से निर्वाचित होते रहे। इसके अलावा वह 2 बार राज्यसभा सदस्य भी रहे।
राम विलास पासवान ने अलग-अलग समय में 5 प्रधानमंत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री के रूप में काम किया और हर बार वे अपनी कार्यकुशलता के लिए चर्चा में रहे।
राम विलास पासवान के बारे में यह बात मशहूर थी कि वे कुशल राजनेता की तरह वक़्त को समय से पहले पहचान लेते थे, मतदाताओं का मूड भाँप लेते थे और उसी हिसाब से अपनी राजनीतिक रणनीति तय करते थे। यही कारण है कि वह अलग-अलग राजनीतिक दलों के अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व में मंत्री रहे। 
उनके राजनीतिक विरोधी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने इसी कारण अपने मजाकिया अंदाज में पासवान को 'मौसम विज्ञानी' कहा था। 

प्रधानमंत्री ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी की मृत्यु पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने इसे अपनी निजी क्षति बताते हुए कहा कि पासवान ऐसे व्यक्ति थे जो यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हर ग़रीब सम्मान की ज़िन्दगी जिए।
कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी पासवान के निधन पर दुख जताते हुए उन्‍होंने श्रद्धांजलि दी है। पासवान मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में भी मंत्री थे। राहुल गांधी ने कहा,

'राम विलास पासवान की असामयिक मृत्यु की ख़बर दुखद है। दलित समुदाय ने अपनी एक मजबूत राजनीतिक आवाज़ खो दी।'


राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पासवान की मृत्यु पर गहरा दुख जताते हुए उन्हें दूर दृष्टि वाला नेता बताया। उन्होंने कहा कि पासवान पीड़ितों की आवाज़ थे। 
राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने पिछले दिनों बिहार में नीतीश कुमार का साथ छोड़ने का एलान करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ बनी रहेगी। समझा जाता है कि नीतीश का साथ छोड़ने का फ़ैसला राम विलास पासवान के स्वस्थ रहते ही ले लिया गया था। 
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क़मर वहीद नक़वी
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